बालाघाट के कटंगी परिक्षेत्र में बाघ के हमले से एक वृद्ध की मौत के बाद ग्रामीणों में गुस्सा फैल गया। शुक्रवार को ग्रामीण हाथों में लकड़ियां लेकर वन विभाग के कर्मचारियों से भिड़ गए। उनका गुस्सा वन विभाग की निष्क्रिय कार्यप्रणाली को लेकर था।
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क्षेत्र में बाघ के बढ़ते हमलों से ग्रामीणों की जान को खतरा बना हुआ है। साथ ही खेती करना भी मुश्किल हो गया है।
डीएफओ से कहा- आपका परिवार सुख से रहेंगे, हम दुख में जीने को मजबूर
एक दिन पहले अंबेझरी निवासी 65 साल के सेवकराम की मौत के बाद गांव में तनाव का माहौल बन गया। मृतक के परिजन 25 लाख रुपए के मुआवजे की मांग कर रहे हैं। स्थिति को संभालने पहुंचे डीएफओ अधर गुप्ता को ग्रामीणों के रोष का सामना करना पड़ा। एक ग्रामीण महिला ने डीएफओ को फटकार लगाते हुए कहा कि आप और आपका परिवार सुख से रहेंगे, जबकि हम दुख में जीने को मजबूर हैं।
अधिकारी ने गांव में कैंप लगाने के निर्देश दिए
डीएफओ अधर गुप्ता ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि बाघ की निगरानी के लिए गांव में कैंप लगाने के निर्देश दिए गए हैं। वन विभाग जंगल से लगे कृषि क्षेत्रों के लिए एक नई योजना तैयार कर रहा है। इसके तहत खेतों की ओर सोलर लाइट लगाई जाएंगी।
एक समिति का गठन किया जाएगा जिसमें क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, वन्यजीव प्रेमी और ग्रामीण शामिल होंगे। यह समिति बाघ के हमलों की बढ़ती घटनाओं के स्थायी समाधान के लिए योजना तैयार करेगी।
