Last Updated:
Indore News: एमवाय अस्पताल में चूहों के कुतरने से हुई नवजातों की मौत के मामले में नया मोड़ सामने आ गया है. आरोप तो यहां तक लग रहे हैं कि अस्पताल प्रबंधन का एक और झूठ सामने आया है. दरअसल, हादसे में मृत में बच्ची को अस्पताल प्रबंधन लावारिस बताकर उसका अंतिम संस्कार करने की तैयारी में था. लेकिन, इसके पहले उसके माता-पिता धार जिले से पहुंच गए. उनके साथ जयस संगठन के कार्यकर्ता भी थे, जिन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी. आदिवासी बच्ची के लिए न्याय की मांगा. एमवाय के जिम्मेदारों को तत्काल सस्पेंड करने की मांग की.
बच्ची को परिवार को ‘हाईजैक’ करने की कोशिश
मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है. जयस कार्यकर्ताओं की ओर से हादसे में मृत दोनों आदिवासी बच्चों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा देने और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज करने की मांग की गई है. वहीं, प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल पर भी गंभीर आरोप लगाए. कहा, सरदारपुर के विधायक ने रास्ते में परिवार को रोककर ‘हाईजैक’ करने की कोशिश की, ताकि खुद क्रेडिट ले सकें. जयस का आरोप है कि विधायक परिजनों को अपने साथ एमवाय अस्पताल लाना चाहते थे.
इस बीच, विधायक प्रताप ग्रेवाल भी एमवाय अस्पताल पहुंचे. उन्होंने आरोपों को गलत बताते हुए कहा, “पीड़ित परिवार मेरी विधानसभा क्षेत्र के हैं. मैं सिर्फ उन्हें न्याय दिलाने की कोशिश कर रहा हूं. कोई क्रेडिट लेने की बात नहीं है.” अस्पताल प्रबंधन का झूठ भी बेनकाब हो रहा है. पहले कहा गया था कि धार से रेफर होकर आई बच्ची के माता-पिता उसे छोड़कर भाग गए थे. लेकिन, अब सच्चाई सामने आ गई है.
अंतिम संस्कार का हक भी छीन लेते…
बच्ची के माता-पिता ने अपना दर्द बयां किया. मां ने कहा, “मेरी बच्ची को चूहों ने काट लिया और वो मर गई, लेकिन अस्पताल ने हमें कुछ नहीं बताया. हमें कहा गया था कि जाओ, हम फोन करके जानकारी देंगे.” पिता ने गुस्से में कहा, “लापरवाही से मेरी बेटी की जान गई है. अगर आज हम नहीं आते तो ये लोग हमसे अंतिम संस्कार का हक भी छीन लेते. अस्पताल के जिम्मेदारों को सस्पेंड कर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए. यह हत्या है.”