भौंकने की आवाज़ या दिल की बात? जबलपुर में आवारा कुत्तों पर विवाद, आपस में भिड़े कॉलोनीवासी और डॉग लवर्स

भौंकने की आवाज़ या दिल की बात? जबलपुर में आवारा कुत्तों पर विवाद, आपस में भिड़े कॉलोनीवासी और डॉग लवर्स


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Jabalpur News: जबलपुर की गोराबाजार कॉलोनी में आवारा कुत्तों को लेकर विवाद गहरा गया है. डॉग लवर्स और कॉलोनीवासियों में तीखी बहस हो रही है. एक ओर जहां लोग हमलों और डर की शिकायत कर रहे हैं.

आवारा कुत्तों का हमला.
जबलपुर. जबलपुर शहर के गोराबाजार थाना क्षेत्र की एक कॉलोनी में आवारा कुत्तों को लेकर तनाव बढ़ गया है. कॉलोनी वासियों और डॉग लवर्स के बीच इस मुद्दे पर तीखी बहस और विवाद देखने को मिला. एक वायरल वीडियो में यह विवाद साफ नजर आ रहा है, जिसमें दोनों पक्ष अपनी-अपनी बात पर अड़े हुए हैं. डॉग लवर्स कॉलोनी में आवारा कुत्तों को रखने और उन्हें खाना खिलाने की जिद कर रहे हैं, जबकि कॉलोनी के निवासी इन कुत्तों के भौंकने और हमला करने की घटनाओं से परेशान हैं. इस विवाद ने शहर में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या और उससे जुड़ी समस्याओं को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है.

कॉलोनी वासियों का कहना है कि आवारा कुत्तों की वजह से उनकी दिनचर्या प्रभावित हो रही है. बच्चे और बुजुर्ग सड़कों पर सुरक्षित महसूस नहीं करते. कई बार कुत्तों के झुंड ने लोगों पर हमला किया, जिससे डर का माहौल है. खासकर रात के समय कुत्तों का भौंकना और आपस में लड़ना कॉलोनी में शांति भंग करता है. निवासियों का आरोप है कि डॉग लवर्स बिना सोचे-समझे कुत्तों को खाना खिलाते हैं, जिससे उनकी संख्या और आक्रामकता दोनों बढ़ रही हैं.

दूसरी ओर, डॉग लवर्स का तर्क है कि आवारा कुत्ते भी जीव हैं और उन्हें जीने का हक है. वे कहते हैं कि कुत्तों को खाना खिलाना और उनकी देखभाल करना मानवीय कर्तव्य है. उनका यह भी कहना है कि कुत्तों को आक्रामक बनाने के लिए कॉलोनीवासियों का व्यवहार जिम्मेदार है, जो उन्हें मारते-पीटते या भगाते हैं. इस तनाव ने दोनों पक्षों के बीच समझौते की संभावना को और मुश्किल कर दिया है.

जबलपुर में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या अब शहरवासियों के लिए गंभीर समस्या बन चुकी है. आए दिन कुत्तों के हमले की खबरें सामने आ रही हैं, जिससे लोग दहशत में हैं. इस समस्या के समाधान के लिए नगर निगम और जिला प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं. लोग मांग कर रहे हैं कि कुत्तों की नसबंदी और उनके लिए उचित शेल्टर की व्यवस्था की जाए. लेकिन प्रशासन की ओर से इस दिशा में ठोस कदम नजर नहीं आ रहे. इस विवाद ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि क्या शहर में इंसान और आवारा कुत्तों का सह-अस्तित्व संभव है?

Anuj Singh

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digital), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked a…और पढ़ें

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