आज से श्राद्ध पक्ष की शुरुआत: पिंडदान के लिए घाटों पर पहुंच रहे परिवार; उज्जैन में ऑनलाइन तर्पण भी हो रहा – Ujjain News

आज से श्राद्ध पक्ष की शुरुआत:  पिंडदान के लिए घाटों पर पहुंच रहे परिवार; उज्जैन में ऑनलाइन तर्पण भी हो रहा – Ujjain News



देशभर में आज से श्राद्ध पक्ष (पितृपक्ष) की शुरुआत हो गई है। इस दौरान देश-विदेश से श्रद्धालु अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध कर्म करने उज्जैन के सिद्धवट घाट पर पहुंच रहे हैं।

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श्रद्धालु गया कोटा, रामघाट और सिद्धवट जैसे पवित्र स्थानों पर पिंडदान व तर्पण कर रहे हैं। उज्जैन को “उत्तर भारत का गया” भी कहा जाता है, इसलिए यहां श्राद्ध पक्ष में विशेष धार्मिक महत्व माना जाता है।

ऐसे में ऑनलाइन तर्पण की भी सुविधा भी है। पंडित राजेश त्रिवेदी ने बताया कि कई श्रद्धालु उज्जैन नहीं आ पा रहे हैं, उनके लिए ऑनलाइन तर्पण की व्यवस्था की गई है।

श्राद्ध पक्ष के पहले दिन बुलंदशहर (UP) से सुरेंद्र शर्मा और गाजियाबाद से अमर उपाध्याय ने ऑनलाइन तर्पण किया। उन्होंने पंडित को ऑनलाइन दक्षिणा भी दी।

7 सितंबर से 21 सितंबर तक रहेगा श्राद्ध पक्ष

उज्जैन में 7 सितंबर से 21 सितंबर तक श्राद्ध पक्ष चलेगा। इस दौरान रामघाट, सिद्धवट और गया कोटा जैसे स्थानों पर हजारों श्रद्धालु पहुंचकर पिंडदान, तर्पण और जल-दान करेंगे।

ऐसी मान्यता है कि भगवान राम, लक्ष्मण और सीता ने वनवास काल के दौरान राजा दशरथ का तर्पण उज्जैन में किया था। यह भी माना जाता है कि माता पार्वती ने सिद्धवट पर वटवृक्ष लगाया था। इस वटवृक्ष पर दूध चढ़ाने की परंपरा आज भी निभाई जाती है।

मोक्षदायिनी क्षिप्रा नदी में तर्पण करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

इस बार श्राद्ध पक्ष 15 दिनों का रहेगा

इस बार श्राद्ध पक्ष में एक तिथि क्षय होने के कारण कुल 15 दिन के श्राद्ध होंगे। 7 सितंबर (रविवार) को कुंभ राशि में चंद्रमा की उपस्थिति में पूर्णिमा से श्राद्ध का आरंभ हुआ। इसी दिन रात्रि में चंद्रग्रहण भी है, जिसका सूतक काल दोपहर 12:58 बजे से शुरू हो गया। इसलिए पूर्णिमा का श्राद्ध दोपहर 12:58 बजे तक ही किया गया।

पं. अमर डब्बावाला के अनुसार, श्राद्ध पक्ष का शुभारंभ 7 सितंबर की सुबह 6 बजे से दोपहर 12:58 बजे तक हुआ।

18 सितंबर को विशेष योग

18 सितंबर (गुरुवार) को पुष्य नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का संयोग रहेगा।इस दिन किया गया श्राद्ध सभी कार्यों में सफलता दिलाने वाला माना जाता है और यह योग पितरों को मोक्ष देने वाला होता है।

जानिए किस तिथि का श्राद्ध कब रहेगा

  • 7 सितंबर (रविवार) – दिन में 12:58 बजे तक पूर्णिमा का श्राद्ध, इसके बाद चंद्रग्रहण का सूतक शुरू होगा।
  • 8 सितंबर (सोमवार) – प्रतिपदा का श्राद्ध
  • 9 सितंबर (मंगलवार) – द्वितीया का श्राद्ध
  • 10 सितंबर (बुधवार) – तृतीया का श्राद्ध
  • 11 सितंबर (गुरुवार) – चतुर्थी का श्राद्ध और कुमार पंचमी का पार्वण श्राद्ध
  • 12 सितंबर (शुक्रवार) – षष्ठी का श्राद्ध
  • 13 सितंबर (शनिवार) – सप्तमी का श्राद्ध
  • 14 सितंबर (रविवार) – अष्टमी का श्राद्ध
  • 15 सितंबर (सोमवार) – नवमी का श्राद्ध
  • 16 सितंबर (मंगलवार) – दशमी का श्राद्ध
  • 17 सितंबर (बुधवार) – एकादशी का श्राद्ध
  • 18 सितंबर (गुरुवार) – द्वादशी का श्राद्ध (यह संन्यासियों का श्राद्ध भी माना जाता है)
  • 19 सितंबर (शुक्रवार) – त्रयोदशी का श्राद्ध (प्रदोष तिथि, मघा श्राद्ध)
  • 20 सितंबर (शनिवार) – चतुर्दशी का श्राद्ध (यह श्राद्ध अपघात या अकाल मृत्यु से मृत व्यक्तियों के लिए किया जाता है)
  • 21 सितंबर (रविवार) – सर्वपितृ अमावस्या – पितृपक्ष का अंतिम दिन



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