करणी सेना,परशुराम सेवा संगठन 27% ओबीसी आरक्षण के खिलाफ: कहा- एसटी,एसटी,ओबीसी को 90% रिजर्वेशन मिला, सवर्णों के 10% EWS में भी कई खामियां – Bhopal News

करणी सेना,परशुराम सेवा संगठन 27% ओबीसी आरक्षण के खिलाफ:  कहा- एसटी,एसटी,ओबीसी को 90% रिजर्वेशन मिला, सवर्णों के 10% EWS में भी कई खामियां – Bhopal News


पिछले 6 सालों से कोर्ट में उलझे 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण के मुद्दे को जल्द सुलझाने के लिए सीएम डॉ. मोहन यादव ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। 22 सितंबर से इस मामले की प्रतिदिन सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होनी है। दिल्ली में मप्र के महाधिवक्ता की मौजूदगी में वक

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परशुराम सेवा संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुनील पांडे, प्रदेश उपाध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला, श्री राजपूत करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष सहेन्द्र सिंह दीखित, प्रदेश प्रवक्ता किरण सिंह राठौड़, ओमप्रकाश मिश्रा, अधिवक्ता श्रेय दीवान, मयंक दुबे मौजूद थे।

किस संगठन को ओबीसी आरक्षण पर क्यों ऐतराज

ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी बात रखते संगठन पदाधिकारी।

किस संगठन को ओबीसी आरक्षण पर क्यों ऐतराज

सवाल: आपको ओबीसी के 27% आरक्षण पर क्या आपत्ति है? सुनील पांडे: हमें किसी भी तरीके के आरक्षण से कोई आपत्ति नहीं हैं। आप आरक्षण दीजिए लेकिन, ये बात समझिए कि आरक्षण देने का मुख्य उद्देश्य गरीबों के जीवन उत्थान को ध्यान में रखकर दिया जाए। लेकिन, ओबीसी के आरक्षण को 14% से बढ़ाकर 27% करने की जो कवायद चल रही है जिस पर मप्र हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है। इंदिरा साहनी बनाम भारत सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आया उसपर हाईकोर्ट ने रोक लगाई।

एक वैधानिक आंकड़े सरकार से मांगें और अनिवार्यता पर प्रश्नचिन्ह लगाकर यह रोक लगी। सरकार आंकड़े नहीं दे पाई। और आज जिस तरह की कवायद चल रही है। हमारे मुख्यमंत्री सर्वदलीय बैठक बुला रहे हैं। 4 अगस्त को दिल्ली में ओबीसी वकीलों की ओबीसी स्टूडेंट्स के साथ बैठक हुई और 12 तारीख को सुप्रीम कोर्ट सरकार से सवाल कर रहा है। और उसका सरकार जवाब नहीं दे पा रही इसके पीछे आखिर मंशा क्या है?

सवाल: सवर्णों को भी तो 10% EWS आरक्षण मिला हुआ है? सुनील पांडे: आपने सवर्णों में से 10% गरीब छांटे और उन गरीओं को EWS के नाम से आरक्षण दिया। इसी तरह हमारी मान्यता है कि आपने ओबीसी,एससी, एसटी में से परसेंटेज के आधार पर गरीब छांटे और उनको आरक्षण दिया। लेकिन, उन आरक्षणों और EWS के आरक्षण में कितनी असमानताएं हैं। कभी उस पर कोई विचार या सर्वदलीय बैठक नहीं की गई।

सवाल:EWS और अन्य के आरक्षण में क्या असमानताएं हैं सुनील पांडे: जैसे सवर्ण को हर साल आय प्रमाणपत्र देना है। बाकी को नहीं देना है। सवर्ण के लिए आयु सीमा 35 साल की सीमा लागू है। बाकी के लिए 45 साल है। मप्र में 50 प्रतिशत आरक्षण है। बकाया 50% में से 10% आरक्षण EWS के नाम से है। 40 प्रतिशत बचा हुआ कोटा अनारक्षित के नाम से घोषित है। उसमें ओबीसी,एसटी,एसटी को शामिल हो सकता है। लेकिन, सवर्ण वर्ग के उम्मीदवार एसटी, एससी और ओबीसी के रिक्त कोटे में भाग नहीं ले सकता। कहने का तात्पर्य है कि एसटी, एससी और ओबीसी को 90% आरक्षण है सवर्णों के लिए 10% ही रिजर्वेशन है वो भी असमानताओं के साथ।

सवाल: आपकी ये आपत्ति है कि जो अनारक्षित है उसकी जगह सवर्ण का आरक्षण किया जाए? सुनील पांडे: जो अनारक्षित शब्द का उपयोग किया जाता है या तो उसे सामान्य वर्ग का घोषित किया जाए। या फिर अन्य आरक्षण में जो रिक्तियां हैं उसमें सामान्य को भी भाग लेने की अनुमति दी जाए। जो मापदंड ईडब्ल्यूएस के हैं वो अन्य वर्गों के आरक्षण पर भी लगाए जाएं।

अब करणी सेना ने क्या कहा वो पढ़िए..

सवाल: 27% ओबीसी आरक्षण यदि लागू हो जाता है तो आपका क्या कदम होगा? किरण सिंह राठौड़: पहली बात तो ये है कि यह होना ही नहीं चाहिए। अगर ऐसा होता है तो सरकार को पहले हमारी तरफ भी ध्यान देना चाहिए। किस बात को लेकर आप हम लोगों को साइड कर रहे हैं। ईडब्ल्यूएस के 10% आरक्षण में गरीब वर्ग के बच्चों को उसमें लाभ नहीं मिल रहा। हम इसको होने नहीं देना चाहते। यदि होता है तो हमें भी बराबर में रखा जाए।

सवाल: यह मामला निपटारे की ओर है तो क्या आप लोग भी सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं? किरण सिंह राठौड़: बिल्कुल जाएंगे यदि हमारे अधिकारों में कोई चीज नहीं जोड़ी गई तो हम भी कोर्ट जाएंगे।



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