रीवा में करोड़ों की लागत से बने सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। हाल ही में अस्पताल की फॉल सीलिंग धड़ाम से गिर चुकी थी, जिससे कई मरीज और उनके परिजन बाल-बाल बचे। उस समय मामले को मामूली तकनीकी गड़बड़ी बता कर दबा दिया गया था।
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रविवार को अस्पताल के बेस का एक मजबूत पिलर अपनी जगह से लगभग डेढ़ फीट खिसक गया। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि समय रहते मरम्मत और संरचनात्मक जांच नहीं की गई, तो पूरा स्ट्रक्चर गंभीर खतरे में पड़ सकता है। यह वही अस्पताल है, जहां रीवा और आसपास के जिलों से हार्ट और गंभीर बीमारियों के मरीज इलाज के लिए आते हैं।
अधिवक्ता बीके माला ने बताया कि इसे प्रदेश सरकार ने ‘आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं का केंद्र’ बताया था। लेकिन करोड़ों की लागत और तकनीकी इंजीनियरिंग के बावजूद निर्माण में इतनी बड़ी खामियां कैसे रह गईं, यह चिंता का विषय है।
जब फॉल सीलिंग गिरने की घटना हुई थी, प्रशासन ने इसे ‘छोटी तकनीकी गड़बड़ी’ बताकर टाल दिया। अब पिलर खिसकने की घटना से यह स्पष्ट हो गया कि यह केवल छोटी गलती नहीं बल्कि लापरवाही और संभवतः भ्रष्टाचार का परिणाम है।
अब सवाल उठ रहा है कि करोड़ों का यह प्रोजेक्ट इंजीनियरों और ठेकेदारों की लापरवाही की भेंट चढ़ गया। अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले मरीजों की सुरक्षा किस तरह सुनिश्चित होगी, यह चुनौतीपूर्ण स्थिति बन गई है।
फॉल सीलिंग गिरने से तीन मरीज बाल-बाल बचे थे

रीवा के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के तीसरे फ्लोर के न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट के वार्ड में फॉल्स सीलिंग गिर गई। हादसे के बाद मरीज और उनके परिजनों को परिजनों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट कराया गया।
घटना के दौरान ड्यूटी पर मौजूद नर्सिंग स्टाफ ने अस्पताल प्रबंधन को जानकारी दी। लेकिन अभी तक अस्पताल प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। पूरी खबर पढ़िए…