मरीज और परिजन देखभाल के बजाय गंदगी से जूझ रहे हैं।
शहडोल जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल का प्रसूति विभाग स्वच्छता के गंभीर संकट से जूझ रहा है। वार्डों के अंदर और बाहर कचरे के ढेर लगे हैं। मेडिकल अपशिष्ट और प्लास्टिक सामग्री बिखरी पड़ी है।
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परिजनों का आरोप अस्पताल में सफाई व्यवस्था ठप
प्रसूति विभाग में प्रतिदिन 30 से 40 महिलाएं भर्ती होती हैं। भर्ती महिलाओं और उनके परिजनों का कहना है कि सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ठप है। स्थानीय निवासी राधारमण तिवारी ने बताया कि मरीजों की देखभाल की बजाय परिजनों को गंदगी से जूझना पड़ता है।
अस्पताल में यह समस्या नई नहीं है। कुछ महीने पहले इमरजेंसी वार्ड और बाल रोग विभाग में भी इसी तरह की स्थिति थी। प्रशासन ने सुधार का आश्वासन दिया था। लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं।
प्रशासनिक लापरवाही से बढ़ा संक्रमण का खतरा
चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार अस्वच्छ वातावरण में प्रसव कराने से मां और बच्चे को संक्रमण का खतरा रहता है। अस्पताल स्टाफ का कहना है कि सफाईकर्मियों की कमी है। वहीं प्रबंधन का आरोप है कि परिजन भी नियमों का पालन नहीं करते।
स्थानीय सामाजिक संगठनों ने इसे प्रशासनिक विफलता बताया है। उनका कहना है कि नियमित सफाई, कचरा प्रबंधन और जागरूकता अभियान से स्थिति सुधर सकती है।