सागर में 100 करोड़ की बिल्डिंग हुई डिब्बा, सड़कें अधूरी, बीच रास्तों पर खंबे

सागर में 100 करोड़ की बिल्डिंग हुई डिब्बा, सड़कें अधूरी, बीच रास्तों पर खंबे


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Sagar News: सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च होने के बाद शहरवासी निराश्रित कुत्तों को भगाने के लिए टोटकों पर निर्भर हैं. कनेरा देव का पुल दो साल के बाद भी अधूरा है. यहां लोग जान हथेली पर रख निकल रहे हैं. वहीं सिटी में …और पढ़ें

सागर. मध्य प्रदेश के सागर में पिछले 8 साल से स्मार्ट सिटी के तहत डेढ़ हजार करोड़ रुपये के कार्य हुए लेकिन इस दौरान जनता हमेशा दर्द और तकलीफ में रही और अब जो काम चल रहे हैं, वो भी पिछले दो महीने से बंद हैं. बचे हुए कार्यों को पूरा नहीं किया जा रहा, जिसकी वजह से इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है. स्मार्ट सिटी के कार्यों में सड़कों से लेकर 24 घंटे की वॉटर सप्लाई तक और न्यू बस स्टैंड से लेकर वर्किंग वूमेन हॉस्टल तक अधूरे पड़े हैं. 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की बिल्डिंग बनाई तो गई लेकिन अब वो महज डिब्बा बनकर रह गई है. डेयरी विस्थापन प्रोजेक्ट भी अधूरा है और शहर में आवारा मवेशियों की वजह से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं.

सैकड़ों करोड़ खर्च होने के बाद शहरवासी आवारा कुत्तों को भगाने के लिए टोटकों पर निर्भर हैं. कनेरा देव का पुल दो साल बाद भी अधूरा है. यहां पर लोग जान हथेली पर रखकर निकल रहे हैं. वहीं शहर में ट्रैफिक की समस्या आज भी जस की तस बनी हुई है. मुख्य बाजार में सड़क पर ही पार्किंग होती है. शहर की अगर कुछ गिनी-चुनी सड़कों को छोड़ दें, तो बाकी सड़कें अधूरी पड़ी हैं. कहीं सीवर लाइन की वजह से, तो कहीं नल कनेक्शन की वजह से सड़क खोदी गई लेकिन फिर उसकी मरम्मत नहीं हुई. वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट भी शोपीस बनकर रह गया है. एलिवेटेड कॉरिडोर के मार्ग पर गड्ढे ही गड्ढे हो गए हैं. इसके अलावा बारिश के दिनों में लाइट रात के समय जरूरी होती है लेकिन स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी हुई है, जिससे अंधेरा छाया रहता है. डिवाइडर अधूरे छोड़ दिए गए. सड़क जितनी बनी थी, उसी हाल में डाल दी गई. सड़क के बीचोंबीच लगे बिजली के खंबे जो जानलेवा भी हो सकते हैं, उन्हें भी नहीं हटाया गया.

अफसरों से लेकर जनप्रतिनिधि तक सब मौन
तिलकगंज स्टेशन रोड से लेकर गिरधारीपुरम, न्यू आरटीओ रोड, किशोर न्यायालय के सामने की रोड, तिली चौराहा से संविधान चौक वाली रोड पर काम अधूरे पड़े हुए हैं. ये कब तक पूरे होंगे, फिलहाल इसकी कोई डेडलाइन नहीं है और न ही कोई पहल हो रही है. अफसरों से लेकर जनप्रतिनिधि तक इस मुद्दे पर मौन हैं.

आगे नहीं बढ़ेगा स्मार्ट सिटी मिशन
केंद्र सरकार मार्च माह में स्पष्ट कर चुकी है कि स्मार्ट सिटी मिशन को अब आगे नहीं बढ़ाया जाएगा. बचे हुए कामों को जून तक पूरा करने की स्वीकृतियां स्मार्ट सिटी ने ली थीं. हालांकि यह डेडलाइन भी निकल गई. फिलहाल स्मार्ट सिटी के पास फंड भी है, अगर केंद्र सरकार ने बार-बार समय वृद्धि के बाद भी काम पूरा न हो पाने जैसी स्थिति में राशि वापस ले ली, तो ये काम पूरे होना मुश्किल रहेंगे. 20 करोड़ रुपये से ज्यादा के काम बाकी हैं. इतनी राशि अन्य किसी मद से मिलना भी मुश्किल ही रहेगा.

सागर के कलेक्टर संदीप जीआर ने बताया कि बाकी के काम के लिए नए सिरे से टेंडर जारी करेंगे, जिससे बचा हुआ काम पूरा हो सके और अधूरे कार्यों से लोगों को जो असुविधा हो रही है, वह दूर हो.

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