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Sanke News: सतना और मैहर में इस सांप का खौफ लगातार बढ़ता जा रहा है. रात में सोते लोगों को निशाना बनाने वाले इस सांप की खासियत है कि इसके डसने पर तुरंत दर्द का अहसास नहीं होता. जानें और…
क्यों कहा जाता है करैत को साइलेंट किलर?
लोकल 18 की टीम ने इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए सतना के जानेमाने सर्पमित्र विवेक तिवारी उर्फ संखधर से बातचीत की. उन्होंने बताया, करैत की सबसे बड़ी खतरनाक खासियत ये है कि यह रात में ही काटता है. इंसान जब नींद में होता है, तब यह बिस्तर के पास पहुंच जाता है. क्योंकि इसे शरीर की गर्मी बहुत पसंद आती है. कई बार यह सोते हुए लोगों के ऊपर भी चढ़ जाता है और जैसे ही व्यक्ति करवट बदलता है, वैसे ही यह तुरंत उसे काट लेता है.
इसे साइलेंट किलर इसलिए भी कहा जाता है, क्योंकि इसके काटने पर व्यक्ति को तेज दर्द महसूस नहीं होता. अक्सर ऐसा लगता है जैसे किसी मच्छर ने काटा हो. जब तक इंसान को असली स्थिति का अंदाजा होता है, तब तक जहर शरीर में फैल चुका होता है. करैत के काटने पर आधे घंटे के भीतर लक्षण दिखने लगते हैं, जिसमें तेज जलन, उल्टी, चक्कर आना, पेट में दर्द और घबराहट शामिल हैं.
दो बहनों को काटा, मौत
सर्पमित्र ने बताया कि हाल ही में एक दर्दनाक घटना में करैत ने एक ही परिवार की दो बहनों को काट लिया, जिससे दोनों की मौत हो गई. ऐसी घटनाओं ने ग्रामीण अंचलों में दहशत फैला दी है. करैत की लंबाई आम तौर पर दो से ढाई फीट होती है और इसका शरीर काले रंग का होता है, जिस पर सफेद रंग की छोटी-छोटी धारियां होती हैं. इसकी चाल भी अलग तरह की होती है जो कुंद-कुंद करके टेढ़ी-मेढ़ी नजर आती है.
बचाव ही सबसे बड़ा उपाय
विशेषज्ञ मानते हैं कि करैत के काटने के बाद इलाज मिलना ग्रामीण क्षेत्रों में मुश्किल हो जाता है, क्योंकि कई बार अस्पताल पहुंचने तक देर हो जाती है. ऐसे में बचाव ही सबसे कारगर उपाय है. सर्पमित्र ने सलाह दी कि गांवों में लोग रात को सोने से पहले बिस्तर को अच्छी तरह झाड़ें और घर के आसपास सफाई रखें. खेतों या खुले स्थानों में सोने से बचें और रात के समय टॉर्च का इस्तेमाल करें.