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Chhatarpur News: रामकिशोर पटेल ने लोकल 18 को बताया कि तेल की पिराई का काम एक से दो महीने होता है और इन दो महीने में ही वह तीन से चार लाख रुपये कमा लेते हैं. हालांकि साल में लगभग दो महीने ही यह प्लांट चलता है और…और पढ़ें
रामकिशोर पटेल लोकल 18 को बताते हैं कि उन्होंने दो साल पहले अपने खेत में तीन लाख रुपये की लागत से दो पिपरमेंट के प्लांट लगवाए थे. उन्हें लागत से कई गुना मुनाफा हो चुका है. एक पिपरमेंट प्लांट की बात करें, तो इसकी लागत सिर्फ डेढ़ लाख रुपये आती है. प्लांट को लगवाने में सरकार मदद भी करती है.
रामकिशोर बताते हैं कि पिराई का समय शुरू होने वाला है और एक से दो महीने तक पिराई होती है. दिन-रात पिराई करनी पड़ती है क्योंकि हमारे आसपास पिपरमेंट खेती बहुत होती है. आसपास यहां प्लांट भी कम हैं, इसलिए हमारे यहां भीड़ बहुत ज्यादा हो जाती है, इसलिए आसपास के किसान उनके प्लांट पर ही आकर तेल पिराते हैं.
ऐसे निकलता है पिपरमेंट का तेल
रामकिशोर बताते हैं कि एक टैंक बना होता है, जिसमें पिपरमेंट डालते हैं. इसके ऊपर ढक्कन लगा देते हैं. इसी टैंक के नीचे जमीन में पानी भरने का टैंक बना होता है. इसमें लगभग चार ड्रम पानी भरा रहता है. नीचे से पिपरमेंट के कचड़े से ही आग जलती है, तो पानी की भाप से तेल और पानी पाइप के माध्यम से दूसरे टैंक में जाता है. दूसरे टैंक में तीन पाइप लगे होते हैं. दो पाइप से पानी निकलता है और तीसरे पाइप से तेल और पानी निकलता है. एक छोटी सी टंकी में पानी और तेल को एक इकट्ठा किया जाता है. फिर यहां से पानी और तेल को अलग कर लिया जाता है.
तेल पिराई से कितनी कमाई?
रामकिशोर ने बताया कि एक से दो महीने तेल की पिराई का काम होता है और इन दो महीने में ही उनकी तीन से चार लाख रुपये की कमाई हो जाती है. हालांकि साल में लगभग दो महीने ही यह प्लांट चलता है लेकिन इन कम दिनों में ही उनकी अच्छी कमाई हो जाती है. वह किसानों से 50 से 60 रुपये लीटर पिराई लेते हैं. बता दें कि बाजार में पिपरमेंट तेल के एक लीटर का भाव 900 से 1000 रुपये है.