इंदौर में धार्मिक ग्रंथ भगवत गीता के पन्नों में बांधकर पूजन-सामग्री और किराना सामान बेचने का मामला सामने आया है।
इंदौर में धार्मिक ग्रंथ भगवत गीता के पन्नों में सामान बांधकर देने को लेकर विवाद हो गया। सोमवार को हिंदूवादी संगठन के नेता एक मुस्लिम महिला को लेकर संयोगितागंज थाने पहुंचे।
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आरोप लगाया कि पूजन सामग्री और किराना दुकान चलाने वाली इस महिला और उसके बेटे ने उन्हें गीता के पन्नों पर सामान बांधकर दिया है। जिससे उनकी धार्मिक भावना आहत हुई है।
मामले में देर शाम तक हिंदूवादी नेता थाने पर रहे। जहां से उन्हें सराफा थाने भेज दिया गया। यहां एक दुकान में रद्दी में कई धार्मिक पुस्तकें मिली है। महिला और उसके बेटे ने यहीं से रद्दी में यह पुस्तकें खरीदने की बात कही थी।
महिला गीता के पन्नों पर पूजन सामग्री समेत अन्य सामान बेच रही थी।
संयोगितागंज थाना प्रभारी अरंविद खत्री ने बताया किहिंदूवादी नेता मानसिंह राजावत सोमवार दोपहर थाने पहुंचे। उन्होंने बताया कि इलाके मे मयूर नाम से शॉप चलाने वाली महिला मोहम्मद नसरीन और मोहम्मद अफसान उनके धार्मिक ग्रंथ गीता में किराना और अन्य सामान बांधकर दे रहे हैं। उन्हें रहवासियों ने जानकारी दी है। जिससे उनकी भावना आहत हुई है। मामले में पुलिस ने नसरीन और अफसान से पूछताछ की तो उन्होंने मरोठिया बाजार में जैन रद्दी भंडार से रद्दी लाने की बात कही।

मौके पर पहुंची पुलिस ने महिला और उसके परिवार से पूछताछ की है।
रद्दी में पड़ी मिली कई धार्मिक किताबें जब पुलिस जैन रद्दी भंडार पर जांच के लिए पहुंची तो पता चला कि यहां रद्दी में कई धार्मिक पुस्तकें पड़ी थी। इस मामले में पुलिस की जांच अब दुकानदार की तरफ हाे गई है।
टीआई ने कहा कि इस मामले में वरिष्ठ अफसरों से बात की जा रही है। हिंदूवादियों को दुकानदार के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए सराफा थाने जाने को कहा है। इस मामले में किसी तरह की एफआईआर संयोगितागंज थाने में दर्ज नहीं की गई।