एक टेस्ट मैच में पहली बार 1981 रन का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनते ही रिकॉर्ड बुक तक हिल गई. एक टेस्ट मैच में 1981 रन बनना असंभव के बराबर है, लेकिन हकीकत में ऐसा हो गया. एक टेस्ट मैच में ऐसी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी हुई कि 1981 रन का आंकड़ा भी बड़े आराम से पार हो गया. एक टेस्ट मैच में 1981 रन का असंभव वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बन गया. इस मैच के दौरान 110 चौके और 4 छक्के लगे. एक टेस्ट मैच में 1981 रन के बारे में सोचना भी मुश्किल है, लेकिन इस फॉर्मेट में ये असंभव सा दिखने वाला वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बन गया.
टेस्ट में पहली बार बना 1981 रन का असंभव वर्ल्ड रिकॉर्ड
गेंदबाजों की हालत तो ऐसी हो गई कि वह बल्लेबाजों के सामने रहम की भीख मांगते हुए नजर आए. कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है कि इस टेस्ट मैच में किस कदर रनों की तबाही मची है. इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका के बीच खेला गया एक टेस्ट मैच इतिहास में दर्ज हो गया. इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका के बीच डरबन में खेले गए एक टेस्ट मैच में 1981 रन का असंभव वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गया, जिसमें 110 चौके और 4 छक्के लगे. टेस्ट क्रिकेट में ऐसा पहली बार हुआ, जब ये असंभव जैसा वर्ल्ड रिकॉर्ड बना.
साउथ अफ्रीका ने खड़ा किया पहाड़ जैसा स्कोर
इंग्लैंड के खिलाफ मार्च 1939 को इस ऐतिहासिक टेस्ट मैच में साउथ अफ्रीका की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए अपनी पहली पारी में 202.6 ओवर में 530 रन बनाए. साउथ अफ्रीका के लिए पहली पारी में पीटर वैन डेर बिजल ने 125 रन बनाए, जिसमें 11 चौके और एक छक्का शामिल था. पीटर वैन डेर बिजल के अलावा डडली नोर्स ने 103 रनों की पारी खेली. जवाब में इंग्लैंड की पहली पारी 117.6 ओवर में 316 रन पर सिमट गई. पहली पारी के आधार पर साउथ अफ्रीका ने इंग्लैंड पर 214 रन की बढ़त बना ली. अब यहीं से असली खेल शुरू हुआ, जो हर किसी के होश उड़ाकर रख देगा.
गेंदबाजों ने 974 रन लुटा दिए
साउथ अफ्रीका ने इसके बाद अपनी दूसरी पारी के दौरान 142.1 ओवर में 481 रन बनाए. इस बार साउथ अफ्रीका के लिए उसके कप्तान एलन मेलविल ने 103 रनों की पारी खेली, जिसमें 10 चौके शामिल रहे. साउथ अफ्रीका ने इस तरह यह टेस्ट मैच जीतने के लिए इंग्लैंड के सामने 696 रनों का टारगेट रखा. साउथ अफ्रीका के बल्लेबाजों के सामने इंग्लैंड के सभी गेंदबाज बेबस और लाचार नजर आए. इंग्लैंड के गेंदबाजों ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ दोनों पारियों में कुल 974 रन लुटा दिए.
इंग्लैंड ने कर दिया असंभव कारनामा
साउथ अफ्रीका की टीम ने इंग्लैंड को 696 रनों का पहाड़ जैसा लक्ष्य दिया था. ऐसे में साउथ अफ्रीका की जीत लगभग तय थी, लेकिन इंग्लैंड ने इसके बाद जो किया उसने वर्ल्ड क्रिकेट के होश उड़ाकर रख दिए. टेस्ट क्रिकेट में कभी भी 696 रन का टारगेट चेज नहीं हुआ है, लेकिन इंग्लैंड की टीम ने लगभग यह कमाल कर ही दिया था. साउथ अफ्रीका के 696 रनों के टारगेट के जवाब में चौथी पारी में बैटिंग करने उतरी इंग्लैंड की टीम ने 218.2 ओवर में 5 विकेट खोकर 654 रन बना लिए थे. इंग्लैंड की टीम जीत से सिर्फ 42 रन ही दूर थी, लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ जिसने क्रिकेट फैंस का दिल तोड़कर रख दिया.
क्रिकेट फैंस का दिल टूट गया
टेस्ट क्रिकेट में पहली बार 696 रनों के टारगेट को चेज करने और ऐतिहासिक जीत से इंग्लैंड की टीम सिर्फ 42 रन ही दूर थी और उनके हाथ में 5 विकेट भी बाकी थे. इतिहास रचने की दहलीज पर खड़े इंग्लैंड के क्रिकेटरों ने अचानक टेस्ट मैच को बीच में ही छोड़ दिया. यह टेस्ट मैच ड्रॉ हो गया. ऐसा इसलिए हुआ कि इंग्लैंड की टीम को डरबन से दो दिन की रेल यात्रा के बाद केपटाउन पहुंचना था. केपटाउन में अंग्रेज खिलाड़ियों को अपना शिप पकड़ना था, जिससे उन्हें वापस इंग्लैंड लौटना था. ज्यादा समय और बर्बाद होता तो अंग्रेज खिलाड़ियों का शिप छूट जाता. फिर उन्हें अगले शिप के लिए कई दिनों तक का इंतजार करना पड़ता.
इस टेस्ट मैच के बारे में बहुत कम लोगों को पता
इंग्लैंड की टीम ने इसी वजह से समय को ध्यान में रखते हुए शिप पकड़ने के मकसद से यह टेस्ट मैच बीच में ही छोड़ दिया. इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका की टीम ने आपसी रजामंदी के साथ मैच ड्रॉ करवा लिया. यह टेस्ट मैच 12 दिन तक चला, लेकिन उसके बाद भी मैच का नतीजा नहीं निकल सका. 3 मार्च 1939 को शुरू हुआ यह टेस्ट मैच 14 मार्च को खत्म हुआ. यह टेस्ट क्रिकेट इतिहास का सबसे बड़ा मैच था. इस टेस्ट मैच में 6 शतक और एक दोहरा शतक लगा था. इस मैच के दौरान कुल 35 विकेट गिरे थे. इस टेस्ट मैच में लगभग 680 ओवर का खेल हुआ और 1981 रन बने. इस मैच को टेस्ट क्रिकेट में टाइमलेस टेस्ट के रूप में जाना है. आज के युग के लोगों को इस टेस्ट मैच के बारे में बहुत कम जानकारी है.