पिछले सप्ताह पूरे मध्यप्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी रहा। पुलिया के ऊपर से गुजरती गाड़ी।
सूखा बीत रहा, अगस्त जाते-जाते जमकर बरसा। वहीं, सितंबर का पहला सप्ताह पूरा मध्यप्रदेश तरबतर हो गया। इससे न सिर्फ प्रदेश में बारिश का कोटा पूरा हो गया, बल्कि इंदौर बेहतर स्थिति में पहुंचा। 7 दिन में इंदौर में 10 इंच पानी गिर गया। वहीं, श्योपुर में सामा
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दूसरी ओर, बुरहानपुर में 26 इंच भी पानी नहीं गिरा है। धार, बड़वानी, खंडवा, शाजापुर और खरगोन में अब तक 30 इंच पानी भी नहीं गिरा। हालांकि, औसत बारिश के हिसाब से बड़वानी का कोटा भी पूरा हो चुका है। मौसम विभाग के अनुसार, सितंबर में अभी करीब 22 दिन बारिश होगी। ऐसे में इन जिलों में भी मानसून की तस्वीर बेहतर हो सकती है।

एमपी में कोटे से 4 इंच पानी ज्यादा गिर चुका बता दें, प्रदेश में 16 जून को मानसून ने आमद दी थी। तब से अब तक औसत 41.2 इंच बारिश हो चुकी है। अब तक 33.1 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से 8.1 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है। यह कोटा पिछले सप्ताह ही पूरा हो गया है। 4.2 इंच पानी ज्यादा गिर गया है।
मौसम विभाग के अनुसार 30 जिले-भोपाल, राजगढ़, रायसेन, विदिशा, अलीराजपुर, बड़वानी, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, रतलाम, मंदसौर, नीमच, आगर-मालवा, भिंड, मुरैना, श्योपुर, सिंगरौली, सीधी, सतना और उमरिया में बारिश का कोटा फुल हो चुका है। कई जिले ऐसे हैं, जहां आंकड़ा डेढ़ सौ प्रतिशत के पार है। श्योपुर में कुल 213 प्रतिशत पानी गिर चुका है।
इंदौर-उज्जैन संभाग की तस्वीर बेहतर नहीं इस मानसूनी सीजन में इंदौर और उज्जैन संभाग की स्थिति ठीक नहीं है। यहां सबसे कम पानी गिरा है। सबसे कम बारिश वाले टॉप-5 जिलों में बुरहानपुर, बड़वानी, खंडवा खरगोन और शाजापुर शामिल हैं।

पिछले सप्ताह पूरे प्रदेश में ही तेज बारिश का दौर रहा। फोटो रायसेन शहर का।
ग्वालियर, चंबल-सागर सबसे बेहतर एमपी में जब से मानसून एंटर हुआ, तब से पूर्वी हिस्से यानी, जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में तेज बारिश हुई है। यहां बारिश के स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव रहे। छतरपुर, मंडला, टीकमगढ़, उमरिया समेत कई जिलों में बाढ़ आ गई। ग्वालियर-चंबल में भी मानसून जमकर बरसा है। यहां के सभी 8 जिलों में कोटे से ज्यादा पानी गिर चुका है। इनमें ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर शामिल हैं।
30 में से भोपाल संभाग के चार, इंदौर संभाग के दो, जबलपुर के चार, ग्वालियर-चंबल के 8, सागर-उज्जैन संभाग के 4-4, रीवा संभाग के 3 और शहडोल संभाग का एक जिला शामिल हैं। नर्मदापुरम संभाग के किसी भी जिले में कोटा पूरा नहीं हुआ।

रतलाम में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे।
गुना में 65 इंच बारिश, मंडला-श्योपुर में 56 इंच पानी गिरा सबसे ज्यादा बारिश वाले टॉप-5 जिलों की बात करें तो गुना नंबर-1 पर है। यहां 65 इंच, मंडला-श्योपुर में 56 इंच, अशोकनगर में 54 इंच और शिवपुरी में 54.2 इंच पानी गिर चुका है।
कई डैम के गेट खुले जुलाई में तेज बारिश की वजह से प्रदेश के कई डैम और तालाब ओवरफ्लो हो गए थे। भोपाल के बड़ा तालाब, केरवा-कलियासोत डैम में भी पानी आया। कई बड़े डैम के गेट भी खुले, लेकिन अगस्त में उतनी बारिश नहीं हुई है।
ऐसे में डैम के गेट नहीं खुल सके, लेकिन अगस्त के आखिरी और सितंबर के पहले सप्ताह में तेज बारिश का दौर रहा। इस वजह से भोपाल के भदभदा डैम का गेट भी खुल गया। इस बार जौहिला, बरगी, इंदिरासागर, बारना, अटल सागर, सुजारा, सतपुड़ा, तवा समेत कई डैम के गेट खुल चुके हैं। कुल 54 बड़े डैमों में अच्छा पानी आ चुका है।

ऐसे समझें बारिश का गणित…
50 इंच से ज्यादा बारिश वाले जिले
- राजगढ़, रायसेन, नरसिंहपुर, मंडला, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, टीकमगढ़, निवाड़ी और श्योपुर।
40 से 50 इंच बारिश वाले जिले
- विदिशा, जबलपुर, सिवनी, बालाघाट, डिंडौरी, ग्वालियर, सागर, दमोह, पन्ना, छतरपुर, रतलाम, नीचम, सिंगरौली, सीधी, नर्मदापुरम, सिंगरौली, सीधी, नर्मदापुरम, हरदा और उमरिया।
30 इंच से ज्यादा बारिश वाले जिले
- भोपाल, सीहोर, इंदौर, झाबुआ, अलीराजपुर, कटनी, छिंदवाड़ा, दतिया, देवास, मंदसौर, भिंड, मुरैना, रीवा, सतना, बैतूल, शहडोल और अनूपपुर।
इन जिलों में 30 इंच से कम बारिश
- उज्जैन, शाजापुर, बड़वानी, बुरहानपुर, खंडवा और खरगोन।

तेज बारिश के चलते भोपाल के भदभदा डैम के गेट भी खुल गए।
मध्यप्रदेश में कैसा रहेगा यह सप्ताह सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के अनुसार, प्रदेश में लो प्रेशर एरिया, मानसून टर्फ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम की एक्टिविटी की वजह से अच्छी बारिश हो चुकी है। सितंबर में पूरे माह बारिश के सिस्टम एक्टिव रहेंगे। इस वजह से आगे भी बारिश का दौर जारी रहेगा।
5 बड़े शहरों में ऐसा रहेगा मौसम
- भोपाल: बीते सप्ताह में भोपाल में बारिश का कोटा पूरा हो गया। बड़ा तालाब भी लबालब भरने से भदभदा डैम के गेट खुल गए। तेज बारिश होने के बाद कलियासोत डैम के गेट भी खुल जाएंगे। भोपाल के अलावा राजगढ़, रायसेन और विदिशा का कोटा भी पूरा हो गया। इस सप्ताह हल्की बारिश का दौर बनास रहेगा।
- इंदौर: पिछले सप्ताह तक इंदौर काफी पिछड़ा हुआ था, लेकिन पिछले 7 दिन में यहां 10 इंच बारिश हो गई। इससे आंकड़ा 31 इंच तक पहुंच गया और कोटे की 90 प्रतिशत बारिश दर्ज की गई। संभाग के बड़वानी, बुरहानपुर, खंडवा और खरगोन की स्थिति ठीक नहीं है। इस सप्ताह तेज बारिश होने के आसार नहीं है।
- जबलपुर: तेज बारिश का दौर जारी रहने से जबलपुर संभाग के
- 8 में से 6 जिलों में कोटा पूरा हो गया। जबलपुर-छिंदवाड़ा ही 7 से 8 प्रतिशत बाकी है। मंडला में सबसे ज्यादा 56 इंच पानी गिरा है।
- उज्जैन: उज्जैन संभाग की तस्वीर भी पहले से बेहतर हुई है, लेकिन संभाग का शाजापुर जिला सबसे पीछे है। यहां अब तक 27 इंच पानी भी नहीं गिरा है। उज्जैन में भी 30 इंच से कम बारिश हुई है।
- ग्वालियर: ग्वालियर संभाग में अच्छी बारिश हुई है। 5 जिलों में सीजन की बारिश का कोटा पूरा हो गया है। शिवपुरी-गुना में सामान्य से 74 प्रतिशत बारिश ज्यादा हुई है। गुना में ओवरऑल सबसे ज्यादा करीब 65 इंच पानी गिर चुका है।










