मुरैना कांग्रेस के युवा नेता केपी कंसाना को जिला बदर करने की प्रशासनिक कार्रवाई से कांग्रेसियों में रोष है। उनका कहना है कि यह फैसला राजनीतिक द्वेष के कारण लिया गया है। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि कंसाना की सक्रियता से भाजपा नेता परेशान थे।
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कंसाना की पत्नी ऊषा कंसाना जिला पंचायत वार्ड क्रमांक 7 से सदस्य हैं। मई 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान वाले दिन कंसाना के गृहगांव में भाजपा समर्थकों से विवाद हुआ था। इस घटना में कांग्रेस नेता और उनके परिजनों से मारपीट हुई थी। मामला सराय छोला थाने में दर्ज है।
पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
कांग्रेस नेता केपी कंसाना पर पहले भी जिला बदर की कार्रवाई हो चुकी है। उन पर कई पुराने आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। हालांकि हाल ही में उनके खिलाफ कोई नया केस दर्ज नहीं हुआ है।
जिला बदर किए गए नेताओं में कंसाना अकेले कांग्रेस नेता हैं। इस पर विरोध जताते हुए कांग्रेस ने कलेक्ट्रेट के बाहर धरना दिया। वरिष्ठ नेता और पूर्व लोकसभा प्रत्याशी सत्यपाल सिंह सिकरवार ‘नीटू’ के नेतृत्व में कांग्रेसी कलेक्टर से मिले और कार्रवाई रद्द करने की मांग की।
कलेक्टर का जवाब और आगे की राह
कलेक्टर अंकित अस्थाना ने कहा कि वह पुलिस के प्रतिवेदन के आधार पर ही कार्रवाई करते हैं। अब इस आदेश के खिलाफ अपील चंबल कमिश्नर के पास की जा सकती है। आश्वासन मिलने के बाद कांग्रेसियों ने धरना खत्म किया।