कम पानी, फर्टीलाइजर की जरूरत नहीं, जानवर भी नहीं खाते, इस सब्जी की फसल 6 महीने में तैयार, पत्ते से भी कमाएं

कम पानी, फर्टीलाइजर की जरूरत नहीं, जानवर भी नहीं खाते, इस सब्जी की फसल 6 महीने में तैयार, पत्ते से भी कमाएं


Agri Tips: कृषि में अगर पानी की समस्या बढ़ रही हो, रसायनों का उपयोग करना महंगा पड़ रहा हो तो ऐसे में एक खास सब्जी की खेती आपको फायदा पहुंचा चकती है. जी हां, अरबी की खेती एक बहुत ही फायदेमंद विकल्प साबित हो रही है. अरबी एक ऐसी सब्जी है, जो हर समय बाजार में अच्छी डिमांड में रहती है. इसकी खेती करने से किसान को फायदा भी होता है और पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं होता.

अरबी की खेती क्यों फायदेमंद?
अरबी की खेती में सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे उगाने के लिए ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं पड़ती. साथ ही इस फसल की पैदावार के लिए रासायनिक उर्वरकों या कीटनाशकों का ज्यादा इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं होती. यही नहीं, जानवर भी इसे खाने में रुचि नहीं दिखाते. इस वजह से अरबी की खेती पर खेतीबाड़ी का खर्च भी कम आता है और लाभ की संभावना अधिक होती है.

खेती की अवधि और मौसम
अरबी की फसल को तैयार होने में करीब छह महीने का समय लगता है. यह एक ऐसी फसल है, जिसे वर्ष भर किसी भी मौसम में उगाया जा सकता है, लेकिन इसकी सबसे उपयुक्त बुवाई मानसून के समय की जाती है. इस दौरान मिट्टी में नमी अच्छी मात्रा में बनी रहती है, जिससे अरबी अच्छी तरह बढ़ती है. यदि आप उचित देखभाल करें तो छह महीने में अरबी तैयार हो जाती है और आप इसे बाजार में बेच सकते हैं.

जानें खेती तरीका
अरबी की खेती के लिए ज्यादा जटिल संसाधनों की आवश्यकता नहीं होती. इसे पारंपरिक तरीके से ही उगाया जा सकता है. बस आपको ध्यान रखना होगा कि मिट्टी हल्की और उपजाऊ हो. अधिकतर किसान इसे दो प्रकार की मिट्टी में उगाते हैं दोमट और बलुई. अच्छी पैदावार के लिए जमीन की तैयारी अच्छे से की जानी चाहिए. खेत को अच्छी तरह जुताई करके उसमें खाद मिलाना जरूरी होता है.

बीज बोने का तरीका
बीज बोने से पहले खेत में पर्याप्त मात्रा में गोबर की खाद या कम्पोस्ट मिलाकर मिट्टी को तैयार करें. अरबी के बीज सामान्य बीज विक्रेता से सस्ते दामों पर उपलब्ध हो जाते हैं. बीज बोने की दूरी लगभग 35 से 45 सेंटीमीटर होनी चाहिए. इसके बाद नियमित अंतराल पर खेत में हल्की सिंचाई करनी होती है. ध्यान रहे कि ज्यादा पानी देने से अरबी की जड़ें सड़ सकती हैं, इसलिए पानी का संतुलित उपयोग करें.

कीट और रोग से सुरक्षा
अरबी की खेती में कीटनाशकों का उपयोग नहीं करना पड़ता. इसकी एक बड़ी वजह यह है कि इसकी पत्तियाँ और जड़ें जानवरों के लिए स्वादिष्ट नहीं होतीं. साथ ही अरबी का पौधा काफी मजबूत होता है, जिससे साधारण फसल बीमारियों से ग्रस्त नहीं होता. यदि आप खेत को समय-समय पर साफ-सुथरा रखते हैं और उचित तरीके से सिंचाई करते हैं, तो फसल की सुरक्षा खुद-ब-खुद हो जाती है.

बाजार में मांग और कीमत
अरबी की सब्जी हर समय बाजार में अच्छी मांग में रहती है. इसे उपयोग में लाने वाले बहुत सारे व्यंजन होते हैं, जैसे अरबी के पराठे, अरबी की सब्जी, अरबी का हलवा आदि. बहुत कम किसान इसे उगाते हैं, इसलिए बाजार में इसकी आपूर्ति सीमित रहती है, जबकि मांग लगातार बनी रहती है. यही कारण है कि अरबी की कीमतें भी अच्छी मिलती हैं. अच्छे मौसम और उपज होने पर किसानों को अरबी का भंडारण करके मौसम के अनुरूप बेचना भी फायदेमंद रहता है.



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