विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के मौके पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस केंद्रीय जेल में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य बंदियों को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व और आत्महत्या के विचारों
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इस कार्यक्रम को मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता समृद्धि सिंह बघेल की संस्था ‘द कनेक्ट हट’ और ‘अनकही आत्महत्या रोकथाम हेल्पलाइन’ के सहयोग से आयोजित किया गया। कार्यक्रम में बंदियों को बताया गया कि आत्महत्या के विचार आना किसी मानसिक पीड़ा का ही लक्षण है।
अक्सर जो लोग इस दर्द से गुजर रहे होते हैं, वे मदद मांगने या अपनी बात कहने में झिझकते हैं। इस कार्यक्रम में इसी बात पर जोर दिया गया कि हर व्यक्ति को अपने दर्द को व्यक्त करने और मदद मांगने का पूरा अधिकार है।
मनोवैज्ञानिक तेज सिंह ठाकुर ने भी बंदियों को बताया कि जीवन कितना अनमोल है। उन्होंने उन लोगों को प्रेरित किया जो मानसिक पीड़ा से जूझ रहे हैं, कि वे अपने दर्द को दूसरों के साथ साझा करें। उन्होंने यह भी बताया कि अगर वे किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जो ऐसी स्थिति में है, तो वे उसकी मदद करें।
यह कार्यक्रम बंदियों के बीच मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण कदम था। इसमें उप जेल अधीक्षक मदन कमलेश, अरविंद दांगी और कल्याण अधिकारी सरिता धारू भी उपस्थित थे। इस पहल से जेल में बंद लोगों को यह महसूस करने में मदद मिलेगी कि वे अकेले नहीं हैं और जब भी उन्हें जरूरत हो, सहायता उपलब्ध है।