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Business Idea: सतना में महिलाओं के लिए मसाला व्यापार घर से कमाई का बढ़िया जरिया बन चुका है. हल्दी, मिर्च, गरम मसाला जैसे मसालों का उत्पादन करके वे स्थानीय बाजारों में बेच सकती हैं.
सरकारी योजना से मिलेगा सहारा
लोकल 18 से बातचीत में आरएचईओ मीनाक्षी वर्मा ने बताया कि छोटे स्तर पर मसाला यूनिट खोलना आसान और लाभदायक विकल्प है. मैन्युअली ऑपरेटेड यूनिट की लागत डेढ़ से दो लाख रुपये तक होती है, जबकि ऑटोमैटिक यूनिट की लागत करीब दस लाख रुपये तक हो सकती है. इसके लिए सबसे अच्छा तरीका है भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही पीएमएफएमई योजना में आवेदन कर लाभ उठाना. इस योजना के तहत नया उद्यम स्थापित किया जा सकता है या पुराना उद्योग मॉडिफाई करके बढ़ाया जा सकता है.
महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता और आय का जरिया
पीएमएफएमई योजना में 35% तक की सब्सिडी या अधिकतम दस लाख रुपये तक की छूट दी जाती है. उदाहरण के लिए अगर कोई हितग्राही दस लाख की फुल्ली ऑटोमैटिक यूनिट लगाता है, तो उसे 3.5 लाख रुपये तक का अनुदान मिलेगा. इसके अलावा योजना के तहत प्रशिक्षण और मार्गदर्शन भी उपलब्ध है, जिससे महिलाएं न केवल आत्मनिर्भर बनेंगी, बल्कि घर खर्च में भी भागीदारी निभा सकेंगी. छोटे स्तर पर मसाला व्यापार शुरू करना महिलाओं के लिए रोजगार, आत्मनिर्भरता और मुनाफे का बेहतरीन जरिया बन सकता है. इस तरह मसालों की खुशबू अब केवल रसोई तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि यह रोजगार और आर्थिक समृद्धि का रास्ता भी खोल रही है.
Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digital), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked a…और पढ़ें
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