प्राथमिक उपचार दिवस: समय पर फर्स्ट एड मिलता तो 50 फीसदी की बच सकती थी जान – durg-bhilai News

प्राथमिक उपचार दिवस:  समय पर फर्स्ट एड मिलता तो 50 फीसदी की बच सकती थी जान – durg-bhilai News



प्रदेश में 2022 में 2.37 लाख मौतें पंजीकृत हुईं, जो 2021 के 2.64 लाख मौतों के बाद पिछले दो सालों में सबसे अधिक हैं। जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, इन मौतों में करीब 50.7 प्रतिशत लोग मेडिकल अटेंशन और प्राथमिक उपचार (फर्स्ट एड) न​

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विशेषज्ञों का कहना है कि दुर्घटना, हार्ट अटैक, फिट्स, सांप का डसना या कुत्ते के काटने जैसे मामलों में प्राथमिक उपचार जीवन रक्षक साबित हो सकता है। यदि समय पर प्राथमिक उपचार मिल जाए, तो मरीज की स्थिति स्थिर हो जाती है और गंभीरता बढ़ने से रोका जा सकता है।

प्राथमिक उपचार नहीं मिलने से मरीज अस्पताल पहुंचने तक ही गंभीर हालत में हो जाता है, जिससे डॉक्टर और बेहतर सुविधाओं वाला अस्पताल भी उसकी जान नहीं बचा पाता। विशेषज्ञों ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे फर्स्ट एड का ज्ञान और सावधानियां अपनाएं, क्योंकि मामूली सी देखभाल कई जानें बचा सकती है। अधिकारियों का कहना है कि लोगों में प्राथमिक उपचार की जानकारी बढ़ाने से भविष्य में मौतों की संख्या में कमी लाई जा सकती है।

किसी इमरजेंसी में कैसे दें प्राथमिक उपचार

1. दुर्घटना में घायल हो जाने पर : दुर्घटना में सबसे ज्यादा मौत खून बहने के कारण होती है। इसलिए ऐसे केस में प्राथमिक उपचार देने सबसे पहले घाव को किसी साफ कपड़े से बांधकर खून रोकते हैं। आगे हाथ-पैर में कोई फैक्चर हो तो उसे सीधा कर, लकड़ी आदि के सपोर्ट से बांधना होता है। घाव को साफ पानी से धोने से बैक्टीरियल लोड कम हो जाता है।

2. फिट्स अर्थात दौरा पड़ने पर : किसी अपने या गैर को दौरा पड़ने पर वह जमीन पर गिर कर तड़पने लगता है। इस दशा में उसे बाई करवट लेटा देना चाहिए ताकि झटका आने पर खाने की वस्तु पेट से बाहर आकर सांस नली में न चली जाय। ऐसे मरीज के मुंह में कोई भी वस्तु नहीं डालनी चाहिए। पानी या कोई तेल उसकी सांस की नली में जा सकता है।

3. दिल का दौरा पड़ जाने पर : दिल का दौरान पड़ने पर व्यक्ति अचानक गिर जाता है। कुछ लोगों को बाई ओर दर्द से इसकी शुरुआत होती है। ऐसी दशा में फर्स्ट-एड में सीपीआर संजीवनी का काम करता है। सीपीआर में पीड़ित को सीधा लेटाकर सीने के बीचो-बीच पंपिंग करने के साथ ही मुंह से सांस देना भी होता है। दोनों क्रियाएं करने पर व्यक्ति की सांसें ठीक हो जाती है।

4. सांप डसने और कुत्ता काटने पर सांप डसने और कुत्ता काटने में, बाइट वाली जगह को साफ पानी से धोना चाहिए। उसके बाद सीधे नजदीकी अस्पताल पहुंचकर स्नैक बाइट में एंटीवीनम और डॉग बाइट में एआरपी या जरूरत अनुसार सीरम लगवाना चाहिए। बाकी सभी उपाय जानलेवा साबित हो सकता है। एंटीवीनम या एआरवी और सीरम अमूमन हर अस्पताल में उपलब्ध रहता है।

डॉ. एपी सावंत, डॉ. दीपक वर्मा, डॉ. नवीन दारुका, डॉ. रूपेश अग्रवाल, डॉ. पुलक जैन



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