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Kashmiri Rose Farming: अगर आप भी खेती में कुछ नया करने का सोच रहे है तो कश्मीरी गुलाब आपके लिए एक बेहतरीन ऑप्शन है. इसकी डिमांड देशभर में तेजी से बढ़ रही है. क्योंकि ये गुलाब चार दिन तक भी ताजे खिले रहते हैं और मुरझाते नहीं हैं. एक बार लगाकर चार साल तक उत्पादन ले सकते हैं.
खरगोन समेत मध्य प्रदेश के कई इलाकों में किसान पारंपरिक फसलों के साथ अब गुलाब की खेती को भी अपना रहे हैं. किसानों का मानना है कि यह खेती कम लागत में ज्यादा मुनाफा देती है. खासकर कश्मीरी गुलाब की किस्म ने किसानों की जिंदगी बदल दी है.

विशेषज्ञों के अनुसार, बारिश का जाता मौसम यानी सितंबर-अक्टूबर का समय गुलाब लगाने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है. इस दौरान पौधे जल्दी जम जाते हैं और कुछ ही महीनों में फूल खिलने लगते हैं. यहीं नहीं एक बार लगाने पर चार साल तक फूल प्राप्त कर सकते हैं.

कश्मीरी गुलाब की एक खासियत यह है कि यह आर्टिफिशियल (कृत्रिम रूप से तैयार) गुलाब होता है, जिसमें प्राकृतिक खुशबू तो नहीं होती, लेकिन ये लंबे समय तक ताजे और खिले रहते हैं. शादी-ब्याह, पार्टी और इवेंट्स में इसकी मांग सबसे ज्यादा रहती है.

खरगोन के किसान देवकिशन यादव पांच साल से कश्मीरी गुलाब की खेती कर रहे हैं. उनका कहना है कि साधारण फूल जहां एक-दो दिन में मुरझा जाते हैं, वहीं कश्मीरी गुलाब तीन से चार दिन तक भी खिले रहते हैं. इसी वजह से वे हर साल लाखों रुपये की कमाई कर पाते हैं.

देवकिशन बताते हैं कि गुलाब की खेती में ज्यादा मेहनत नहीं लगती, लेकिन पौधों की समय-समय पर देखभाल जरूरी होती है. खासकर सिंचाई और कीट नियंत्रण पर ध्यान देने से अच्छी क्वालिटी के फूल निकलते हैं. सिंचाई के लिए ड्रिप पद्धति ज्यादा फायदेमंद होती है.

बाजार की बात करें तो कश्मीरी गुलाब की कीमत साधारण फूलों की तुलना में तीन गुना तक अधिक मिलती है. व्यापारी इन्हें खरीदने के लिए खेतों तक पहुंचते हैं. इस वजह से किसानों को परिवहन पर भी ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ता.

अगर किसान एक एकड़ खेत में कश्मीरी गुलाब लगाते हैं तो वे सालभर में लाखों रुपये की आमदनी कर सकते हैं. खासकर शहरी क्षेत्रों में फूलों की भारी मांग रहती है, जहां होटल, इवेंट मैनेजमेंट और सजावट का बड़ा बाजार है. वहीं त्यौंहारों में भी इस गुलाब की भारी डिमांड रहती है.

कश्मीरी गुलाब की खेती से किसानों को फायदा यह भी होता है कि इसमें फसल खराब होने का डर बहुत कम रहता है. साधारण गुलाब की तुलना में ये ज्यादा टिकाऊ होते हैं और मौसम के बदलाव को भी आसानी से सहन कर लेते हैं.