भिंड में खाद के मामले में दो थानों में FIR: पुलिस ने समिति सचिव, प्रबंधक और ट्रांसफार्मर को बनाया आरोपी – Bhind News

भिंड में खाद के मामले में दो थानों में FIR:  पुलिस ने समिति सचिव, प्रबंधक और ट्रांसफार्मर को बनाया आरोपी – Bhind News


भिण्ड जिले में किसानों को खाद की किल्लत से बचाने और कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के लिए प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। गुरुवार को नयागांव और पावई थाना क्षेत्रों में अलग-अलग मामलों में एफआईआर दर्ज कराई गई। कार्रवाई में सहकारी समितियों के सचिव, सहायक प्र

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पहला मामला पावई थाना क्षेत्र का है। यहां सहकारी समिति जारी के सचिव रामसिया चौरसिया और ग्वालियर निवासी ट्रांसपोर्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। रायरू रैक प्वाइंट से 700 बैग यूरिया लेकर ट्रक निकला था। ट्रक को विपणन संघ के गोदाम तक पहुंचना था लेकिन जारी सहकारी समिति के सचिव इसको लेकर सीधे पिथनपुरा पहुंचे थे। थाने पहुंचने की सूचना कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को मिली थी उन्होंने मौके पर जाकर ट्रक को पकड़ा।

कलेक्टर ने इसके बाद पर वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को बुलाकर कार्रवाई के लिए कहा था। अब इस मामले में संजीव चतुर्वेदी ही फरियादी बने हैं और पावई थाने में एफ आई आर दर्ज कराई है। थाना प्रभारी नरेश निरंजन का कहना है कि कृषि विभाग के अधिकारी ने मामले की जांच की और आवेदन दिया था। इस पर एफआईआर की ग ई है।

200 बैग यूरिया और 100 बैग डीएपी के गबन का आरोप दूसरा मामला नयागांव थाना क्षेत्र का है। यहां सहकारी समिति नयागांव के राजेश सिंह और कुलदीप सिंह, साथ ही टेहनगुर सहकारी समिति के सहायक प्रबंधक अजय सिंह पर एफआईआर हुई है। उन पर 200 बैग यूरिया और 100 बैग डीएपी के गबन का आरोप है। जांच में पाया गया कि खाद किसानों तक पहुंचाने के बजाय कहीं और खपाई गई।

ट्रक जोकि खाद से भरा है।

बताया जा रहा कि ये दोनों आरोपी जिले के भाजपा नेता के नजदीकी हैं जो खाद के मद्दे पर जिला प्रशासन और सरकार को लगातार घेर रहे है। नयागांव थाना प्रभारी देवेंद्र राठौर का कहना है कि कृषि अधिकारी की शिकायत पर दो लोगों पर प्राथमिक पड़ताल कर दो लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई।

खाद वितरण को लेकर लगातार आ रही थी शिकायत खाद वितरण को लेकर पिछले कई दिनों से शिकायतें मिल रही थीं। प्रशासन ने जांच बैठाई और प्रमाण मिलने पर सीधे कार्रवाई कर दी। अधिकारियों ने साफ किया है कि किसानों के हक पर डाका डालने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इन मामलों से यह भी साफ हो गया है कि कालाबाजारी केवल छोटे स्तर पर नहीं बल्कि सहकारी समितियों और ट्रांसपोर्टरों की मिलीभगत से हो रही थी। अब पुलिस जांच कर रही है कि इस खेल में और कौन-कौन शामिल है।

जिला प्रशासन ने किसानों को भरोसा दिलाया है कि खाद की पर्याप्त आपूर्ति जारी रहेगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। एफआईआर दर्ज होने के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया है और अन्य समितियों पर भी प्रशासन की सख्त नजर बनी हुई है।



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