उज्जैन पुलिस प्रशिक्षण केंद्र (पीटीएस) में सफाई के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आया है। परिसर की सफाई के लिए 25 से अधिक कर्मचारियों को रखना था लेकिन अफसरों ने 7 कर्मचारियों को रखा और बाकी 18 डमी कर्मचारी खड़े कर दिए। डमी कर्मचारी भी वह थे, जाे यहां काम कर
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भास्कर इन्वेस्टिगेशन में सामने आया कि यह खेल 2023 से चल रहा है। सफाई के नाम पर डमी कर्मचारी खड़े कर दिए जाते हैं और उनके खाते में रुपए डलवाकर कैश मंगवा लेते हैं। अफसरों ने घोटाले को अंजाम देने के लिए बड़ी सावधानी बरती।
एसपी के आदेश पर डमी कर्मचारियों की नियुक्ति का आदेश करवाया गया, डीएसपी के यहां बकायदा नोटशीट भी चली और चौंकाने वाली बात तो यह है कि आरआई ने यह भी बता दिया कि किस डमी कर्मचारी ने कितने दिन काम किया और कितने दिन अवकाश पर रहे। मतलब, उनकी गणना का सत्यापन दिखा दिया। लेकिन अफसरों ने एक चूक कर दी।
सभी दस्तावेज पुख्ता तैयार किए लेकिन उपस्थिति रजिस्टर में डमी कर्मचारियों का नाम लिखना और उनकी उपस्थिति बताना भूल गए, जिससे अफसरों की यह चोरी पकड़ा गई। भास्कर से बातचीत में कर्मचारियों ने भी माना कि अफसरों ने दस्तावेज मांगे थे, जिसके बाद हमारे अकाउंट में राशि आई। अफसर अब रिकार्ड में छेड़छाड़ में जुट गए हैं।
मप्र शासन वित्तीय विभाग भोपाल के परिपत्र क्रमांक एफ 11-2/2022 पत्र को भर्ती का आधार बनाया गया। मानक था, एक व्यक्ति 8400 वर्गफीट की सफाई कर सकता है। पीटीएस का क्षेत्रफल 48 हेक्टेयर है। मानदेय 9 हजार 156 रुपए तय किया गया। पेमेंट शासकीय होने के चलते खाते में ही जा सकता है। 25 को काम करना बताया, 6 ने यहां काम किया, बाकी 18 पहुंचे ही नहीं। उनके नाम पेमेंट निकल रहा है।
यह खेल तीन से चार साल से चल रहा है। जो कर्मचारी यहां रेगुलर काम कर रहे हैं। उनके रिश्तेदारों के दस्तावेज (आधार कार्ड, बैंक पासबुक व अन्य) मंगवाए गए। अकाउंट में जैसे ही राशि पहुंची, अफसरों ने वह राशि कैश निकलवाकर अपने पास मंगवा ली। भास्कर के पास ऐसे 7 कर्मचारियों की सूची (जितेंद्र हाड़ा, दीपा हाड़ा, फरजाना बी, आरती कुशवाह, अमृतलाल कुशवाहा व सगुन बाई) उपलब्ध है।
तत्कालीन एसपी ने बंद किया मोबाइल
वर्तमान में सागर में पदस्थ तत्कालीन एसपी पीटीएस उज्जैन अंजना तिवारी ने सफाईकर्मियों की भर्ती में गड़बड़ी का सवाल सुनते ही मोबाइल बंद कर लिया। तत्कालीन डीएसपी आनंद घुंघरवाल ने बताया सागर में पदस्थ हूं। नोटशीट पर आपके हस्ताक्षर हैं। उसी में गड़बड़ी हुई है तो बोले- विधिसम्मत फाईल बढ़ाई है।