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नींबू का स्वाद और उपयोग हर घर की रसोई से जुड़ा होता है लेकिन कई बार पौधे की ग्रोथ अचानक रुक जाती है. ऐसे में लोग परेशान हो जाते हैं कि आखिर पौधे की हरियाली कैसे लौटाई जाए. तो चलिए एक्सपर्ट से जानते हैं कुछ आसान उपाय, जो सिर्फ 5 से 7 दिनों में आपके नींबू के पौधे को फिर से हरा-भरा कर देंगे.
विशेषज्ञों के अनुसार, नींबू का पौधा हल्की बलुई और दोमट मिट्टी में सबसे अच्छा पनपता है. अगर मिट्टी में पानी रुक जाए, तो जड़ें सड़ जाती हैं और ग्रोथ पूरी तरह रुक जाती है. इस वजह से पानी निकासी वाली मिट्टी का होना बहुत जरूरी है.

नींबू के पौधे को ज्यादा पानी देने की जरूरत नहीं होती. हल्की नमी बनाए रखना ही इसके लिए काफी है. खासकर गर्मी में रोज हल्की सिंचाई और सर्दी-बरसात में जरूरत के अनुसार पानी देने से पौधा स्वस्थ बना रहता है.

गोबर की खाद, नीम की खली और वर्मी कम्पोस्ट जैसे जैविक खाद पौधे की ग्रोथ बढ़ाने में कारगर हैं. विशेषज्ञ बताते हैं कि महीने में एक बार ऑर्गेनिक खाद डालने से पौधा तेजी से हरा-भरा हो जाता है.

नींबू के पौधे की नियमित छंटाई करना भी जरूरी है. पुराने और सूखे पत्ते हटाने से पौधे में नई कोंपलें निकलने लगती हैं. इससे पौधा घना होता है और उसकी ग्रोथ रुकने की बजाय और तेज हो जाती है.

पौधे की पत्तियों के पीले पड़ने का एक बड़ा कारण सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी होती है. विशेषज्ञ जिंक, आयरन और मैग्नीशियम का स्प्रे करने की सलाह देते हैं. इससे पत्तियां फिर से हरी हो जाती हैं और पौधे की सेहत में निखार आता है.

नींबू के पौधों पर थ्रिप्स, एफिड्स और सिट्रस कैंकर जैसी समस्याएं आमतौर पर देखी जाती हैं. समय रहते नीम तेल या जैविक दवाओं का छिड़काव किया जाए, तो पौधा सुरक्षित रहता है और उसकी बढ़त पर असर नहीं पड़ता.

नींबू का पौधा अगर छांव में रहे तो उसकी ग्रोथ रुक जाती है. इसे रोजाना 5 से 6 घंटे सीधी धूप चाहिए. इस वजह से खेत में पौधे के आसपास बड़े पेड़ न लगाएं और गमले को धूप वाली जगह पर रखें.

पौधा जब फूल और फल देने लगे, तो उसे अतिरिक्त पोषण देना जरूरी है. विशेषज्ञ बताते हैं कि इस दौरान पोटाश और डीएपी डालने से नींबू का आकार बड़ा होता है और फल ज्यादा रसदार बनते हैं.