शहडोल में फर्जी दस्तावेजों से जमीन की खरीदी-बिक्री: कलेक्टर ने 5 रजिस्ट्री रद्द की, ई-पंजीयन सर्विस प्रोवाइडर का लाइसेंस भी निरस्त – Shahdol News

शहडोल में फर्जी दस्तावेजों से जमीन की खरीदी-बिक्री:  कलेक्टर ने 5 रजिस्ट्री रद्द की, ई-पंजीयन सर्विस प्रोवाइडर का लाइसेंस भी निरस्त – Shahdol News



शहडोल जिले में जमीन की खरीद-फरोख्त में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट ने सख्त रुख अपनाते हुए 5 अलग-अलग रजिस्ट्री को तुरंत प्रभाव से निरस्त करने का आदेश दिया है। ये सभी पंजीयन फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर किए गए थे।

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यह मामला बुढ़ार तहसील के गांव हड़हा से जुड़ा है, जहां खसरा नंबर 42 से 58 की जमीन पर राजा भांभानी बनाम हाईकोर्ट में एक केस चल रहा है। इसके बावजूद कुछ लोगों ने इस विवादित जमीन की खरीद-बिक्री कर फर्जी दस्तावेज तैयार किए और उनका पंजीयन करा लिया।

शिकायत मिलने पर कलेक्टर ने जांच कराई, जिसमें यह बात साबित हो गई कि इन पंजीयनों में नियमों का उल्लंघन किया गया है।

कलेक्टर ने अपने आदेश में साफ कहा है कि मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (6-क) के तहत प्रतिबंधित जमीन की रजिस्ट्री किसी भी हाल में वैध नहीं मानी जा सकती। इन लोगों ने ना सिर्फ फर्जी दस्तावेज बनाए, बल्कि उन्हें ई-पंजीयन पोर्टल पर भी अपलोड कर दिया। यह सीधे तौर पर धोखाधड़ी है।

5 सर्विस प्रोवाइडर के लाइसेंस रद्द

कलेक्टर के आदेश में जिन लोगों की ई-पंजीयन सर्विस प्रोवाइडर लाइसेंस रद्द किए गए हैं, उनमें मोहम्मद सैफ अंसारी, अभिषेक कुमार गुप्ता, गंगा सागर सिंह, प्रीति शुक्ला, और स्वरूप सरकार शामिल हैं। इन सभी के द्वारा किए गए पंजीयन को शून्य घोषित करते हुए तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है।

कलेक्टर ने जिला पंजीयक और उपपंजीयक को निर्देश दिया है कि इन सभी सर्विस प्रोवाइडर्स की आईडी और ब्लॉक को तुरंत बंद किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी कोई और गड़बड़ी न हो सके।

कुछ साल से विवादित जमीनों पर फर्जीवाड़े की लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इस कार्रवाई से ना सिर्फ फर्जी पंजीयन रद्द हुए हैं, बल्कि ऐसे लोगों पर भी शिकंजा कसा है जो अवैध तरीकों से भू-माफिया की मदद कर रहे थे।



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