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Reverse Flow Rivers: भारत की नदियों का जिक्र आते ही मन में गंगा, यमुना और नर्मदा जैसी नदियों की छवि उभरती है. ज्यादातर नदियां पूर्व की ओर बहकर बंगाल की खाड़ी में मिलती हैं लेकिन भारत में तीन नदियां ऐसी भी हैं, जो सामान्य धारा के विपरीत दिशा में बहती हैं. खास बात यह है कि इन तीनों नदियों का उद्गम स्थल मध्य प्रदेश में है. एक तो रिवर्स-फ्लोइंग नदी भी कहलाती है.
भारत में हजारों नदियां बहती हैं जबकि अकेले मध्य प्रदेश में ही 200 से ज्यादा नदियां बह रही हैं. इनमें से ज्यादातर नदियां हिमालय या ऊंचे पर्वतों से निकलकर पूर्वी या दक्षिण दिशा में जाती हैं लेकिन तीन नदियां ऐसी हैं, जिनकी धारा बाकी नदियों से अलग बहती है.

आमतौर पर भारत की प्रमुख नदियां गंगा, यमुना, गोदावरी, सरयू, महानदी और कावेरी आदि पूर्व की ओर बहते हुए बंगाल की खाड़ी में मिलती हैं लेकिन नर्मदा, ताप्ती और चंबल नदियां इस सामान्य धारा को तोड़ते हुए अलग दिशा में बहती हैं.

उल्टी दिशा में बहने वाली नदियों में पहला नाम नर्मदा नदी का है. नर्मदा नदी को ‘रेवा’ भी कहा जाता है. यह नदी प्रदेश के अमरकंटक की मैखल पर्वतमाला से निकलकर पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है और गुजरात जाकर अरब सागर में मिलती है. उल्टी दिशा में बहने वाली यह सबसे लंबी नदी भी है. यही कारण है कि नर्मदा को भारत की रिवर्स-फ्लोइंग नदी भी कहते हैं.

वैज्ञानिकों की मानें तो नर्मदा नदी का यह विपरीत बहाव रिफ्ट वैली के कारण है. यहां भूमि का ढलान पश्चिम की ओर है, इसलिए नदी भी पश्चिम की ओर बढ़ती है. नर्मदा की कुल 41 सहायक नदियां हैं. 22 बाएं और 19 दाएं किनारे से मिलती हैं. यह नदी गुजरात और मध्य प्रदेश दोनों राज्यों की जीवनदायिनी मानी जाती है. लोगों द्वारा नर्मदा नदी को मां का दर्जा दिया गया है.

लोककथाओं में नर्मदा नदी और सोनभद्र नदी की कहानी भी प्रचलित है. कहते हैं कि नर्मदा और सोन नदी का विवाह तय हुआ था. विवाह से एक रात पहले नर्मदा ने अपनी सहेली जुहिला नदी से कहा कि तुम दूल्हे (सोन) के द्वार तक जाकर उनका स्वागत करना. सोनभद्र ने जब जुहिला को देखा, तो मोहित होकर उसी से विवाह कर लिया. यह देख नर्मदा का हृदय टूट गया और वह अपमान और वियोग से भरकर उल्टी दिशा में पश्चिम की ओर बह निकलीं.

मध्य प्रदेश की उल्टी बहने वाली नदियों में ताप्ती नदी भी शामिल है. ताप्ती नदी का उद्गम मध्य प्रदेश के बैतूल जिले की मुलताई तहसील में स्थित ‘नादर कुंड’ से होता है. यह नदी भी नर्मदा की तरह पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है और खंभात की खाड़ी में जाकर समुद्र में मिल जाती है.

ताप्ती नदी अपने रास्ते में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के कई जिलों से गुजरती है. इनमें बैतूल, बुरहानपुर, भुसावल, धुले, अमरावती और सूरत जैसे शहर प्रमुख हैं. सूरत का प्रसिद्ध सवालीन बंदरगाह इसी नदी के मुहाने पर बसा हुआ है.

वहीं चंबल नदी का प्रवाह भी भारत की अन्य नदियों से अलग है. यह नदी दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर बहती है. इसका उद्गम मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में जानापाव की पहाड़ियों से होता है और यह राजस्थान और उत्तर प्रदेश से गुजरते हुए यमुना नदी में आकर मिलती है.

चंबल नदी अपने गहरे और ऊबड़-खाबड़ बीहड़ों के लिए प्रसिद्ध है. यह नदी अपने मार्ग में कई घाटियों और कगारों से होकर गुजरती है, जो इसे अन्य नदियों से अलग बनाते हैं. यही कारण है कि चंबल का जिक्र अक्सर प्राकृतिक सौंदर्य और बीहड़ों की कहानियों से जुड़ा मिलता है.