जहां गूंजती थी गोलियां, अब वहां रोजगार की बाढ़…नक्सलियों पर दोहरा वार

जहां गूंजती थी गोलियां, अब वहां रोजगार की बाढ़…नक्सलियों पर दोहरा वार


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Balaghat News: एसपी आदित्य मिश्रा ने लोकल 18 से कहा कि नक्सली हमेशा युवाओं को सरकार की खामियां बताकर गलत धारणा फैलाने का काम करते हैं. वे उनसे कहते हैं कि सरकार और प्रशासन उन्हें मौके नहीं देता. ऐसे में रोजगार मेले युवाओं में विश्वास बढ़ा रहे हैं.

बालाघाट. ‘गांव की स्थिति बेहद खराब थी. नक्सल प्रभावित गांव था. शिक्षा की व्यवस्था नहीं थी लेकिन मैंने पढ़ाई की. आगे बढ़ा. आईटीआई किया. अब सुविधाएं मिल रही हैं. अब मुझे कैंपस प्लेसमेंट से ट्रेनिंग भी मिल रही है और नौकरी भी मिल जाएगी.’ यह कहना है हिरदेश मरावी का. वह मध्य प्रदेश के बैहर के नक्सल प्रभावित गांव भरवाही के रहने वाले हैं. नक्सल प्रभावित क्षेत्र के युवा अब रोजगार पाकर खुश हो रहे हैं और बदलते हालातों से आगे बढ़ रहे हैं. एक ऐसे ही युवा विनोद बिसेन छत्तीसगढ़ सीमा से लगे एक नक्सल प्रभावित गांव में रहते हैं. अब पुलिस की मदद से उन्हें नौकरी मिल रही है.

दरअसल केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से खत्म किया जाएगा. ऐसे में नक्सल उन्मूलन अभियान को लेकर बालाघाट पुलिस भी नागरिकों को भरोसा दिलाने के लिए कई तरह के प्रयास कर रही है. इसमें प्रशासन ने एकल सुविधा शुरु की है, जिसमें नक्सल विचारधारा से ग्रामीणों को अलग करने के लिए उनके बीच भरोसा बढ़ा रही है. इसमें वह नक्सल प्रभावित इलाकों में जनसुनवाई करते हैं. अब इसी कड़ी में पुलिस प्रशासन ने बालाघाट के कनकी स्थित 36वीं बटालियन सेंटर में रोजगार मेले का आयोजन किया. इसमें इस बार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से करीब 200 युवाओं को रोजगार दिया गया.

6 महीने में मिलेगा 1000 युवाओं को रोजगार
बालाघाट के पुलिस अधीक्षक आदित्य मिश्रा ने लोकल 18 को बताया कि इस महीने तीन इस तरह का मेला होगा, जिसमें 600 लोगों को रोजगार मिलेगा. वहीं 6 महीने में 1000 लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें बालाघाट जिले की प्राइवेट कंपनियों को भी आमंत्रित किया जाएगा.

खिल उठे युवाओं के चेहरे
इस पहल से सबसे ज्यादा फायदा उन्हीं युवाओं को होगा, जो नक्सल प्रभावित गांवों से आते हैं. नौकरी मिलने की खुशखबरी से युवाओं के चेहरे खिल उठे. उनका कहना है कि अब उन्हें अपने भविष्य की चिंता नहीं है. वे समाज की मुख्यधारा से जुड़कर देश के विकास में योगदान देना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि पहली बार पुलिस की मदद से नौकरी मिल रही है. अब हमें किसी और रास्ते पर जाने की जरूरत नहीं है.

विचारधारा खत्म करना भी जरूरी
एसपी आदित्य मिश्रा ने कहा कि नक्सली युवाओं को सरकार की खामियां बताकर गलत धारणा फैलाने का काम करते हैं. वे हमेशा कहते हैं कि सरकार और प्रशासन उन्हें मौके नहीं देता. ऐसे में रोजगार मेलों से युवाओं में विश्वास बढ़ा है. उन्होंने कहा कि अब कोशिश रहेगी कि आने वाले 6 महीने में 1000 युवाओं को नौकरी मिल जाए. इसके लिए हर बार 200-200 लोगों को कैंप आयोजित कर नौकरी दी जाएगी.

नक्सलवाद पर दोहरा वार
जब से गृह मंत्री अमित शाह ने मिशन 2026 शुरु करने की बात कही है, तब से पुलिस-प्रशासन दोनों तरफ से नक्सलवाद पर प्रहार हो रहा है. पुलिस की 15 टीमें सर्चिंग में हैं. 550 जवान जंगल में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं. 2025 में बालाघाट रेंज में 10 और जिले की सीमा में 8 नक्सली मारे जा चुके हैं. अब नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लोगों की समस्याएं हल कर शासन-प्रशासन पर भरोसा दिलाने का काम कर रही है. ऐसे में नक्सली ही नहीं बल्कि विचारधारा भी कमजोर हो रही है.

मार्च 2026 से पहले ही मिलेगा रिजल्ट
एसपी आदित्य मिश्रा ने यह भी कहा कि नक्सलियों को मारना तो एक पहलू है लेकिन सबसे बड़ा पहलू यह है कि नक्सली विचारधारा को खत्म करना है और इस विचारधारा को खत्म करने की सबसे बड़ी शुरुआत है कि लोग मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं. नक्सलवाद का खात्मा मार्च 2026 से पहले ही हो जाएगा. वहीं बालाघाट पर जो नक्सलवाद का कलंक लगा है, वह भी खत्म हो जाएगा.

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