नर्मदापुरम में डीएपी-यूरिया की कालाबजारी मामला, जांच करने पहुंचे अफसर: डीएपी-यूरिया को अधिक बेचते तहसीलदार ने पकड़ा था, 4 सदस्यीय टीम कर रही जांच – narmadapuram (hoshangabad) News

नर्मदापुरम में डीएपी-यूरिया की कालाबजारी मामला, जांच करने पहुंचे अफसर:  डीएपी-यूरिया को अधिक बेचते तहसीलदार ने पकड़ा था, 4 सदस्यीय टीम कर रही जांच – narmadapuram (hoshangabad) News


जांच के दौरान दुकान में लगी सील खोली गई।

नर्मदापुरम के बांद्राभान रोड पर घानाबढ़ के पास एक दुकान से कालाबाजारी के शक जब्त डीएपी और यूरिया के स्टॉक की जांच शुरू हो गई है। एसडीएम नीता कोरी ने जांच के लिए 11 सितंबर को चार सदस्यीय दल गठित किया। शुक्रवार शाम 4.30 बजे दल जांच करने घानाबढ़ स्थित म

.

3 सितंबर से लगी सील खुलवाकर जब्त डीएपी और यूरिया की 170 बोरियों का स्टॉक देखा। टीम ने दुकानदार से डीएपी और यूरिया के खरीदने संबंधी दस्तावेज भी चेक किए। करीब एक घंटे जांच के बाद दुकान में ताला लगाकर दोबारा सील लगाई गई।

नर्मदापुरम जिले में किसानों को डीएपी और यूरिया के लिए परेशानी झेलनी पड़ रही है। इसी बीच कुछ दुकानदार मौका पाकर काला बाजारी कर रहे हैं। 3 सितंबर को इसी शक के चलते बांद्राभान रोड स्थित घानाबढ़ में एसडीएम नीता कोरी के निर्देशन में ग्रामीण तहसीलदार दिव्यांशु नामदेव ने छापा मारा था।

यहां दुकान पर अवैध तरीके से खाद अधिक दामों पर बेची जा रही थी।

जांच के बाद दोबारा सील लगाई गई।

छापे में मौके पर 170 बोरी डीएपी यूरिया जब्त किया था। जिसमें यूरिया की 78 बोरी और डीएपी की 92 बोरी थी। दुकान को आरआई और पटवारियों की मौजूदगी में सील कर दिया गया था। कार्रवाई का दौरान दुकानदार मोहन खंडेलवाल ने खुद स्वीकार किया था कि खुद के उपयोग के लिए डीएपी और यूरिया डबल लॉक गोदाम नर्मदापुरम से खरीदकर लाया था। इस बीच कुछ किसान को 300रुपए प्रति बोरी में देकर उसकी मदद की दिया।

मामले में दो सवाल को लेकर टीम कर रही जांच

  • दुकानदार जब उद्देश्य मदद करना था तो उसने निर्धारित दाम से ज्यादा रुपए क्यों लिए?
  • क्या दुकानदार के पास डीएपी, यूरिया बेचने के लिए लाइसेंस है?

लाइसेंस नहीं तो हो सकती है एफआईआर कृषि उप संचालक जेआर हेडाऊ ने बताया डीएपी, यूरिया की कालाबजारी के शक में ग्रामीण तहसीलदार ने घानाबढ़ स्थित एक दुकान से बड़ा स्टॉक जब्त किया। जांच के लिए एसडीएम नीता कोरी ने चार सदस्यीय दल बनाया है। जिसमें ग्रामीण तहसीलदार दिव्यांशु नामदेव, सहकारिता निरीक्षक आरके कातुलकर, कृषि विभाग के एसएडीओ राजकुमार उइके, पटवारी यशवंत कुमार जांच कर रहे है। खाद बेचने की जानकारी सामने आई है। अगर उसके पास खाद बेचने और दुकान का लाइसेंस नहीं है तो ऐसी स्थिति में अपराधिक प्रकरण दर्ज हो सकता है। जांच प्रतिवेदन के आधार पर वैधानिक कार्रवाई होगी।



Source link