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पितृपक्ष के पावन पर्व पर शहर में धार्मिक आस्था का वातावरण दिखाई दे रहा है। अलसुबह से ही शहर के सरोवरों के घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है और लोग अपने पूर्वजों के तर्पण कर पुण्य अर्जित कर रहे हैं। शहर के विभिन्न मंदिरों में गरुड़ पुराण का पाठ और धार्मिक आयोजनों का क्रम जारी है।
परकोटा स्थित शक्तिपीठ मां बीजासेन मंदिर के समीप कबीरपंथी धर्मशाला में पंडित अजय कृष्ण रसिक महाराज के मुखारविंद से श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन हो रहा है। कथा वाचक ने कहा कि पितृपक्ष के पंद्रह दिन अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। मान्यता है कि इस अवधि में पूर्वज पृथ्वी पर आकर अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं। कथा में बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष भक्तिरस में डूबे हैं।