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Indore News: मध्य प्रदेश के इंदौर में कई प्राचीन स्थल हैं, जिनमें कई रहस्य भी छुपे हुए हैं. इंदौर में ऐसी ही एक प्राचीन जगह है, जिसका नाम चोर बावड़ी है. कैसे इसका नाम चोर बावड़ी पड़ा और इसकी खासियत, जानिए.
इसमें कई सीढ़ियां हैं, जो नीचे पानी तक जाती हैं. बावड़ी के अंदर छोटी-छोटी खिड़कियां और कमरे भी बने हुए हैं, जो इसकी संरचना को और भी दिलचस्प बनाते हैं. हाल ही में इसका जीर्णोद्धार हुआ है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी यहां आकर पौधारोपण किया था. फिलहाल, बरसात होने की वजह से बावड़ी में ऊपर तक पानी भरा हुआ है, लेकिन पानी कम होने पर इसकी खास बनावट को अंदर तक देखा जा सकता है, जो अदूभूत है.
ये एक स्टेपवेल हैं यानी सीढ़ीदार कुआं जो पानी को लंबे समय तक सहेजने के लिए बनाया गया था. इसके नाम के पीछे भी बड़ी रोचक कहानी है. दरअसल, उस जमाने में चोर चोरी करने के बाद पुलिस से बचने के लिए चोरी किया हुआ सामान इस बावड़ी में छिपा दिया करते थे और इसमें मौजूद खुफिया जगहों की वजह से वो किसी को नहीं मिल पाता था, जिसका फायदा चोरों को भागने में मिलता था. इसके बाद में चोर यहां से अपना सामान निकाल लेते थे. यही वजह है कि इसका नाम चोर बावड़ी रखा गया है.
किसने बनवाया था चोर बावड़ी?
अहिल्याबाई होल्कर ने बनवाई थी. 18वीं शताब्दी में बनी ये बावड़ी करीब 300 साल पुरानी है, जिसे यहां की महारानी अहिल्या बाई होल्कर ने उस समय पानी की कमी को पूरा करने के लिए खास आदेश देकर बनवाया था, लेकिन समय के साथ-साथ यह वीरान हो गई और धूल की परतों और जालों ने यहां घर कर लिया. अब नगर निगम और पुरातत्व विभाग ने इसमें फिर से नई जान डाल दी है.