अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसी जिंदगी देश दुनिया में कई लोग बिता रहे है. लेकिन संतोष की कहानी अलग है. दरअसल, उसे इनकम टैक्स विभाग की तरफ से नोटिस आया है, जिसमें उस पर 1 करोड़ 20 लाख 24 हजार 7 रुपए की देनदारी है. इसके बाद से उसकी नींद उड़ चुकी है. अगर संतोष टैक्स नहीं भरता तो उस पर कानूनी कार्रवाई की तलवार लटक रही है. लोकल 18 ने भी उससे मुलाकात की, जानिए क्या है पूरी कहानी…
भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के इनकम टैक्स विभाग से 18 मार्च 2025 के संतोष को एक नोटिस आया था. इसमें असेसमेंट ईयर 2017-18 में 55 लाख 39 हजार 180 रुपए की इनकम संतोष चौधरी के परमानेंट अकाउंट नंबर यानी PAN नंबर से हुआ. संतोष पर इसकी जानकारी छिपाने का भी आरोप लगा है. संतोष के मुताबिक उन्हें पहला नोटिस जनवरी 2024 में आया था.
कैसे बन गई 1 करोड़ 20 लाख की देनदारी
एक साल बाद संतोष को आयकर विभाग से कम्प्यूटेशन शीट यानी गणना पत्रक आया, जिसके मुताबिक शख्स की वित्तीय वर्ष 2017-18 में 55 लाख 39 हजार 180 रुपए की आय दिखाई गई. इसमें उन्हें 42 लाख 79 हजार 17 रुपए का टैक्स आया था. इस पर कुल ब्याज 77 लाख 44 हजार 990 रुपए लगा है. ऐसे में संतोष पर 1 करोड़ 20 लाख 24 हजार 7 रुपए की देनदारी बन रही है.
इस मामले में लोकल 18 ने इनकम टैक्स का नोटिस पाने वाले संतोष चौधरी से बातचीत की है. उनका कहना है कि उनकी कभी इतनी आय हुई ही नहीं है. इनकम टैक्स को लिखे शिकायत पत्र के मुताबिक, नोटिस में दर्शाई गई राशि फर्जी है. लेकिन हाल ही में उसे नोटिस मिला है, जिसमें संतोष पर कानूनी कार्रवाई की तलवार लटक रही है.
गांव के सरपंच को दिया था पेन कार्ड
संतोष चौधरी ने बताया कि उसने तब के गांव के सरपंच अजय यादव को एक चार पहिया वाहन खरीदने के लिए अपने दस्तावेज दिए थे. इसमें पेन कार्ड, आधार कार्ड सहित दूसरे दस्तावेज दिए थे. इसमें भी सरपंच ने 50 हजार के डाउन पेमेंट किया और एक एफिडेविट बना कर उसमें किश्त चुकाने की बात कही थी. संतोष का कहना है कि वह गाड़ी श्रीराम फाइनेंस नाम की कंपनी से फाइनेंस हुई थी.
साल 2024 में संतोष ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय और आयकर विभाग को एक शिकायती पत्र दिया था. इसमें वह अभिषेक ऑटोमोटिव प्राइवेट लिमिटेड छिंदवाड़ा पर आरोप लगाता है कि उसके नाम और पेन नंबर का इस्तेमाल कोई टैक्स चोरी किया गया है. इस मामले में संतोष ने कई बार कंपनी से बातचीत की लेकिन कोई स्पष्ट और संतोषजनक जवाब नहीं मिला. वहीं, शोरूम वालों ने गेट से ही भगा दिया था.
आयकर विभाग से जांच और कार्रवाई की मांग
संतोष ने आयकर विभाग से उसके नाम और पेन नंबर से हुई धोखाधड़ी की जांच की जाए और कानूनी कार्रवाई की मांग की है. आपको बता दें कि संतोष बालाघाट के पादरीगंज का रहने वाला है. उसने साल 2011 बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर का काम करता था, जिसमें उसने वित्त वर्ष 2015-16 में टैक्स भी दाखिल किया था. इस दौरान उसने 41 हजार 222 रुपए का टैक्स भुगतान भी किया था. इसके बाद उसका धंधा बंद हो गया था. इसी वजह से संतोष ने कभी आईटीआर फाइल नहीं किया.