Sports Capital of India: भारत की सेना दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर सेना है. भारत दुनिया की चौथी सबसे पावरफुल अर्थव्यवस्था है. बीते 11 सालों में कामयाबी के कई झंडे गाड़ चुकी केंद्र की मोदी सरकार सैन्य और आर्थिक मोर्चे पर भारत को टॉप चार्ट में पहुंचाने के बाद देश को खेल जगत का सिरमौर बनाने के लिए तेजी से काम कर रही है. अगले कुछ सालों में देश को उसकी खेल राजधानी मिलने वाली है. जानकारी के मुताबिक नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम और वीर सावरकर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स जैसे आयोजन स्थलों के साथ अहमदाबाद को भारत की खेल राजधानी का खिताब मिलेगा. 2036 में होने वाले ओलंपिक खेलों को ध्यान में रखते हुए सरकार मिशन मोड में जुटी है.
देश की स्पोर्ट्स कैपिटल बनेगी ये सिटी
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने भरोसा जताया है कि नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम, निर्माणाधीन सरदार पटेल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और विश्व स्तरीय वीर सावरकर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स जैसी सुविधाओं की बदौलत अहमदाबाद बहुत जल्द भारत की खेल राजधानी बन जाएगा. शाह ने कहा, ‘2036 तक विभिन्न प्रकार के 13 अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों की मेजबानी करके अहमदाबाद को न केवल गुजरात में, बल्कि पूरे भारत में एक खेल केंद्र बनाने की तैयारी चल रही है.
शाह ने कहा, ‘अहमदाबाद हमारे देश की खेल राजधानी बनने जा रहा है. दुनिया का सबसे बड़ा नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम मोटेरा में है, उसके बगल में सैकड़ों एकड़ में सरदार पटेल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बन रहा है. वीर सावरकर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स भी अस्तित्व में है. ये सब अहमदाबाद में हैं. 2029 के विश्व पुलिस एवं अग्निशमन खेल यहीं आयोजित होंगे और 2030 के राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी अहमदाबाद में होने की प्रबल संभावना है, जिसके लिए भारत ने भी बोली लगाई है.
अहमदाबाद ओलंपिक की मेजबानी करेगा?
शाह ने ये भी कहा, ‘केंद्र सरकार 2036 में अहमदाबाद में ओलंपिक आयोजित करने के लिए कई तैयारियां कर रही है. वीर सावरकर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स को भारत का सबसे बड़ा और सबसे आधुनिक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स है. PM मोदी के नेतृत्व में देश नंबर वन 1 बनने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहा है. प्रधानमंत्री ने हमारे लिए एक लक्ष्य रखा है कि 2047 तक हमें एक ऐसा भारत बनाना है जो हर क्षेत्र में दुनिया में नंबर वन हो और जहां तक विभिन्न क्षेत्रों की बात है, खेल देश की आत्मा है. अगर दुनिया में सबसे पहले कहीं खेल शुरू हुए, तो भारत में ही हुए. हमारा देश दुनिया का सबसे युवा देश है और इसे खेलों में पीछे नहीं रहना चाहिए.’
मेडल टेली बढ़ी
शाह ने कहा, ‘ऐसी व्यवस्थाओं के कारण भारत ने बीते 8 सालों में 15 ओलंपिक पदक जीते. जबकि 1948 से 2012 तक उसने 20 पदक जीते थे. इस बजट के दौरान पैरालंपिक खेलों में मैडल टेली आठ से बढ़कर 52 और डेफलंपिक खेलों में पदकों की संख्या 2 से बढ़कर 22 हो गई.’