MP गजब है! हमीदिया अस्पताल का गेट बनाया, लेकिन भूल गए रास्ता बनाना

MP गजब है! हमीदिया अस्पताल का गेट बनाया, लेकिन भूल गए रास्ता बनाना


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Bhopal News: गेट को लेकर विवाद भी हो चुका है. दरअसल गेट की मरम्मत का काम करने वाले वेंडर को जब काम का भुगतान नहीं किया गया, तो उसने मंत्री के निरीक्षण के दौरान गेट के सामने मिट्टी का ढेर लगा दिया. आनन-फानन में मि‌ट्टी को हटाकर गेट खोला गया था.

भोपाल. मध्य प्रदेश का भोपाल शहर अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और झीलों के लिए देश-दुनिया में एक अलग पहचान रखता है लेकिन पिछले कुछ समय से अजब-गजब निर्माण के चलते भी शहर का नाम देश-दुनिया में मशहूर हो रहा है. 90 डिग्री ब्रिज के बाद टॉवर क्लॉक से लेकर कई कारनामे सामने आए. वहीं अब हमीदिया अस्पताल में भी एक ऐसा ही मुजस्समा सामने आया है. यहां इंजीनियरों ने मरीजों की परेशानी दूर करने के लिए भव्य गेट तो बना दिया लेकिन इसके आगे का रास्ता बनाना ही भूल गए. लोकल 18 की टीम यहां के मुख्य द्वार पर पहुंची, जहां फिलहाल एक तरफ का गेट ही खुला है. दूसरा गेट इसलिए नहीं खोला गया है क्योंकि गेट की आगे की सड़क नहीं बनाई गई है. ऐसे में हमीदिया अस्पताल में आने वाले मरीजों से लेकर गांधी मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट तक सभी एक ही रास्ते का इस्तेमाल करने को मजबूर हैं. अब जब नया बजट आएगा, तब गेट के आगे की सड़क तैयार होगी और पूरा गेट खुल सकेगा.

बीते साल 15 नवंबर 2024 से हमीदिया अस्पताल के मुख्य गेट को रेनोवेशन और चौड़ा करने के लिए बंद किया गया था. उस समय दावा किया था कि तीन महीने में काम पूरा हो जाएगा लेकिन अब 10 महीने बीतने के बाद भी यह गेट पूरा नहीं हो सका है. पीआईयू के सब इंजीनियर के अनुसार, गेट को भविष्य की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया है. मरीजों का कहना है कि एक तरफ का गेट खुलने से परेशानी होती है, जिसमें कई बार दोनों तरफ से वाहन आने से जाम जैसी स्थिति बन जाती है.

सब-इंजीनियर का अजीबोगरीब जवाब
पीआईयू के सब इंजीनियर का कहना है कि अभी यहां 9 मीटर रोड है, जो यातायात के लिहाज से फिलहाल पर्याप्त है. वहीं हमीदिया अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि गेट का निर्माण हाउसिंग बोर्ड की पीआईयू शाखा द्वारा किया गया है. गेट के निर्माण के लिए अलग से बजट आवंटित किया गया था. गड़बड़ प्लानिंग के चलते पूरा बजट गेट बनाने में ही खत्म हो गया.

गेट को लेकर हुआ था विवाद
इससे पहले गेट को लेकर विवाद भी हो चुका है. दरअसल गेट की मरम्मत का काम करने वाले वेंडर को काम का भुगतान नहीं किया गया था. ऐसे में वेंडर ने मंत्री के निरीक्षण के दौरान गेट के सामने मिट्टी का ढेर लगा दिया था. इसके बाद आनन-फानन में मि‌ट्टी हटाकर गेट खोला गया था.

रोजाना पहुंचते 15 से 20 हजार मरीज
जीएमसी प्रदेश का सबसे बड़ा मेडिकल कॉलेज है और यहां से जुड़े हमीदिया अस्पताल में रोजाना 15 से 20 हजार मरीज पहुंचते हैं. हमीदिया अस्पताल के नए ब्लॉक सहित हॉस्टल और कॉलेज बिल्डिंग का निर्माण किया गया था, जिसके पूरा होने के बाद रिव्यू मीटिंग में पता चला कि दोनों ब्लॉक में वार्ड, ओटी और आईसीयू जैसे निर्माण तो कर लिए, मगर ओपीडी बनाना ही भूल गए. ऐसे में अफसरों को इसपर फटकार लगी थी.

Rahul Singh

राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.

राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.

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