राजगढ़ के माचलपुर में एक युवक की मौत के साथ ही अस्पताल की बदहाली सामने आई है। हॉस्पिटल की कमियों का खुलासा होने से पहले ही युवक ने दम तोड़ दिया। इसके बाद लेडी डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया और मह
.
पुलिस ने अस्पताल में लेडी डॉक्टर से मारपीट करने, शासकीय कार्य में बाधा और मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
युवक की मौत से 3 घंटे पहले का एक वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में युवक मेडिकल स्टोर पर अस्पताल में दवा न मिलने की बात कहते हुए इसका खुलासा करने की बात कह रहा है। वह कह रहा है, “भैया, ये दवा दे दो। अस्पताल में इसका स्टॉक खत्म हो गया।”
दैनिक भास्कर की टीम इस पूरे मामले की पड़ताल के लिए अस्पताल पहुंची। युवक के आखिरी समय की बातचीत और महिला डॉक्टर के साथ हुई मारपीट के आरोपों के बारे में जानकारी ली। सिलसिलेवार पूरी रिपोर्ट पढ़िए…
माचलपुर के अरविंद मालवीय की मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया।
यह है पूरा मामला- मौत के बाद अस्पताल में हंगामा शनिवार को माचलपुर के वार्ड नंबर 08 में रहने वाले अरविंद मालवीय (24) की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। युवक की मौत के बाद परिजनों ने माचलपुर अस्पताल पहुंचकर हंगामा किया। आरोप है कि परिजनों ने ड्यूटी पर तैनात महिला डॉक्टर पायल पाटीदार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मारपीट की और उनके कपड़े फाड़ दिए।
घटना के दौरान इस पूरे मामले का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था, जिसमें आक्रोशित परिजन अस्पताल में महिला डॉक्टर का पीछा करते दिखाई दे रहे हैं। फुटेज में कुछ महिलाएं गेट को धक्का देकर डॉक्टर के पीछे दौड़ती हैं, और कमरे में घुस जाती हैं। उसके बाद कमरे के बाहर लोगो की भीड़ इकट्ठा हो जाती है।
कुछ देर बाद डॉक्टर पायल पाटीदार साइड चुन्नी डाल कर भीड़ को हटाते हुए बाहर निकलती नजर आईं।

अस्पताल में दवाएं नहीं होने का युवक ने वीडियो बना था। इसका सीसीटीवी भी सामने आया है।
वीडियो में अरविंद ने कहा- अस्पताल में स्टॉक खत्म हो गया है अरविंद की मौत के बाद उसका एक वीडियो सामने आया है। यह मौत के पहले बनाया गया था। वीडियो में दिख रहा है, युवक हाथ में अस्पताल से डॉक्टर का लिखा पर्चा लेकर अस्पताल से बाहर जाता है। क्योंकि अस्पताल में पर्चे पर लिखी दवा उपलब्ध नहीं थी। इसके बाद उसने मोबाइल में वीडियो चालू करके अपनी दवा लेने की प्रक्रिया रिकॉर्ड की।
अरविंद एक निजी मेडिकल पर गया। वहां उसने पर्चा दिखाकर कहा, “भैया, ये दवा दे दो। अस्पताल में इसका स्टॉक खत्म हो गया। दवा लेने के बाद उसने 85 रुपए देकर दवा खरीद कर ले ली। मेडिकल के सीसीटीवी कैमरे में भी अरविंद दवा खरीदते हुए दिखाई दे रहे हैं। उसके साथ उसका दोस्त दुर्गेश मालवीय भी मौजूद था।

पिता बोले- इंजेक्शन लगते ही हाथ पैर काम करना किया बंद माचलपुर के वार्ड नंबर 08 में रहने वाले अरविंद के पिता प्रेम मालवीय ने बताया, “मैं पेंटर का काम करता हूं। मेरे तीन बेटे और दो बेटियां हैं। अरविंद मेरे दूसरे नंबर का बेटा था। वह भी पेंटिंग का काम करता था। मैंने साल 2018 में उसकी शादी राजस्थान के बारां जिले की रहने वाली पूजा से की थी। उनका एक बेटा हर्ष दो साल का है। बहू अभी गर्भवती भी है।”
प्रेम मालवीय ने कहा कल सुबह अरविंद शौच के लिए गया था। लौटने पर उसके हाथ-पैर दर्द करने लगे। बुखार भी था, इसलिए वह माचलपुर अस्पताल चला गया। वहां महिला डॉक्टर पायल पाटीदार ने ट्रीटमेंट लिखकर दिया। इसके बाद अरविंद को अस्पताल में ड्रिप लगवा दी गई, जबकि घर से वह बिल्कुल स्वस्थ था।
बुखार में ड्रिप नहीं लगती, डॉक्टर को गोली ही देनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने बोतल चढ़ा दी। इसके बाद उसकी हालत बिगड़ती चली गई। मैंने उसे फोन किया तो उसने बताया कि पापा मैं हॉस्पिटल में हूं, फिर मैं और मेरी पत्नी अस्पताल पहुंचे। वहां उसका जी घबराने लगा। मैंने डॉक्टर मैडम से कहा कि इसका जी घबरा रहा है। इसके बाद उन्होंने एक इंजेक्शन लिखकर दिया और कहा कि लगवा लीजिए।
इंजेक्शन लगने के बाद धीरे-धीरे उसकी स्थिति और खराब होती गई। सांस लेने में तकलीफ होने लगी, हाथ-पैर ने काम करना बंद कर दिए। फिर डॉक्टर ने उसे रेफर कर दिया । हम उसे झालावाड़ ले गए, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
प्रेम मालवीय ने आरोप लगाते हुए कहा डॉक्टर की लापरवाही से मेरे बेटे अरविंद की मौत हुई है। वह स्वस्थ होकर अस्पताल गया था। मुझे न्याय चाहिए। बहू गर्भवती होने के कारण भी पूरा परिवार मानसिक रूप से टूट चुका है। उनके मन में सिर्फ यही सवाल है कि आखिर ऐसा क्या हुआ, जो स्वस्थ युवक की जान चली गई।

डॉक्टर को मारने के लिए पीछे भागती अरविंद की मां।
चाचा ने कहा- रास्ते में हो गई थी मौत मृतक के चाचाजी, रामबाबू मालवीय ने बताया कि उन्हें सुबह 11:25 बजे फोन आया था। वे तुरंत अस्पताल पहुंचे, जहां से डॉक्टर ने अरविंद को दोपहर 12 बजे झालावाड़ रेफर कर दिया। अरविंद की रास्ते में ही लगभग 1 बजे मौत हो गई। वे उसे झालावाड़ के सरदार पटेल अस्पताल ले गए और फिर वहां से झालावाड़ सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
रामबाबू ने बताया कि परिवार की सहमति से अरविंद का पोस्टमार्टम नहीं करवाया गया।
मौत के पहले लगाया स्टेटस-घर की धड़कन मां मृतक अरविंद अपनी मां द्रोपती बाई से बेहद प्यार करता था। अपनी मौत से पहले, उसने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर सुबह 9 बजकर 9 मिनट पर मां के साथ एक बच्चे को गले लगाते हुए एक तस्वीर साझा की थी, जिसके साथ उसने लिखा था ‘घर की धड़कन मां’।

थाने में फूट-फूटकर रोई मां माचलपुर थाने में शनिवार देर रात मृतक की मां द्रोपती बाई पर एफआईआर दर्ज की गई। इसके बाद रविवार सुबह मृतक के माता-पिता और परिजन थाने पहुंचे, जहां उन्होंने टीआई पूजा परिहार के सामने अपना पक्ष रखा। बताया जाता है कि टीआई से बात करने के बाद द्रोपती बाई जब टीआई के चेंबर से बाहर आईं तो वह फूट-फूटकर रोने लगीं।
इस दौरान वह थाने के पिलर के पास पहुंचीं और बेटे को याद कर अपना सिर पिलर पर तेजी से मारने लगीं। वहां मौजूद लोगों ने उन्हें समझाने की कोशिश की। जब महिला बेसुध होने लगी तो टीआई पूजा परिहार ने उन्हें संभाला और पानी पिलाया। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें थाने की गाड़ी से जीरापुर अस्पताल पहुंचाया गया।

बेटे अरविंद की मौत के बाद मां का रो-रोकर बुरा हाल था।
महिला डॉक्टर पायल ने कहा- हालत बिगड़ने पर किया था रेफर महिला डॉक्टर पायल ने बताया कि मामला शनिवार शाम 4 से 4:30 बजे के बीच का है। परिजन आरोप लगा रहे थे कि डॉक्टर की वजह से उनके बेटे अरविंद की मौत हुई, जबकि सुबह करीब 10 बजे ओपीडी में इलाज किया गया। हालत बिगड़ने पर रेफर किया था। परिजन उसे बाहर ले गए, वहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
इसके बाद परिजन वापस माचलपुर अस्पताल लौट आए और मुझे मारने के लिए पीछे दौड़े। मैं खुद को बचाने के लिए कमरे में चली गई। परिजन ने दरवाजा में धक्का दिया। कुछ महिलाएं व अन्य लोग अंदर घुसकर मेरे साथ मारपीट करने लगे और मेरे कपड़े फाड़ दिए।
मेडिकल स्टोर, क्लीनिक बंद रहे अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ हुई मारपीट के विरोध में रविवार को माचलपुर के सभी मेडिकल स्टोर, पैथोलॉजी लैब और निजी क्लीनिक बंद रहे। सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक शहर में चिकित्सा सेवाएं पूरी तरह से ठप रहीं। इस दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी ताला लगा रहा, जिससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
इमरजेंसी सेवाएं भी दिनभर बंद रखी गईं, जिसके चलते गंभीर रूप से बीमार लोगों को इलाज के लिए दूसरे शहरों का रुख करना पड़ा। इस घटना के बाद माचलपुर में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों में डर का माहौल है। विरोध प्रदर्शन के चलते शहर में स्वास्थ्य सेवाएं बाधित रहीं और मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
टीआई बोलीं-जांच चल रही है
माचलपुर टीआई पूजा परिहार के अनुसार, मृतक अरविंद मालवीय को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र माचलपुर में इलाज के लिए लाया गया था, जहां डॉक्टर पायल पाटीदार ने उन्हें झालावाड़ रेफर कर दिया, जहां उनकी मृत्यु हो गई। इसके बाद परिजनों ने डॉक्टर पायल पाटीदार के साथ मारपीट और अभद्र व्यवहार किया, जिसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। टीआई परिहार ने बताया कि परिजनों के आरोपों की जांच की जा रही है और अभी तक उनकी ओर से कोई आवेदन नहीं आया है।