वापसी हो तो ऐसी… 2 मैच में 7 विकेट, कभी खुद की जान लेना चाहता था खिलाड़ी

वापसी हो तो ऐसी… 2 मैच में 7 विकेट, कभी खुद की जान लेना चाहता था खिलाड़ी


Last Updated:

कुलदीप यादव की फिरकी का जादू एशिया कप में कमाल दिखा रहा है. चाइनामैन स्पिनर ने शुरुआती 2 मैचों में 7 विकेट ले लिए हैं. कुलदीप को भारत की ओर से टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हुए एक साल से ज्यादा का समय हो गया था. उन्होंने एशिया कप में वापसी की और शानदार गेंदबाजी से लगातार दो मैचों में प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब ले उड़े.

कुलदीप यादव एशिया कप में शानदार गेंदबाजी कर रहे हैं.
नई दिल्ली. कुलदीप यादव ने एशिया कप में कमाल कर दिया है. उन्होंने दो मैचों में 7 विकेट लेकर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई है. भारतीय टीम के चााइनमैन स्पिनर ने एक साल बाद टी20 टीम में वापसी को यादगार बना दिया है. उन्होंने लगातार दो प्लेयर ऑफ द मैच खिताब अपने नाम किए. एशिया कप के इस सीजन यूएई के खिलाफ पहले मैच में कुलदीप ने विकेटों का चौका लगाया जबकि पाकिस्तान के खिलाफ दूसरे मैच में उन्होंने तीन विकेट लेकर भारत की जीत को आसान बना दिया. कुलदीप के पिता चाहते थे कि उनका बेटा क्रिकेटर बने. बाएं हाथ का यह बॉलर तेज गेंदबाज बनना चाहता था बाद में उनके कोच ने उनमें अलग काबिलियत देखी और वह स्पिन गेंदबाज बन गए. कुलदीप की जिंदगी में एक ऐसा मोड़ आया जब वह अपनी जिंदगी को खत्म कर देना चाहते थे.

कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) ने यूएई के खिलाफ एशिया कप मैच में 4 विकेट चटकाए थे जबकि पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने तीन विकेट लिए.उन्होंने दोनों मैचों में प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया. कुलदीप अपनी गेंदबाजी से गदगद हैं. उन्होंने भारतीय टीम की पाकिस्तान पर जीत के बाद कहा कि वह अपने प्रदर्शन से खुश हैं और इसी को वह आगे के मैचों में भी जारी रखना चाहते हैं. बाएं हाथ के बल्लेबाज कुलदीप ने इससे पहले टी20 मैच पिछले साल खेला था. उन्होंने एक साल के बाद टी20 फॉर्मेट में वापसी की.

कुलदीप यादव एशिया कप में शानदार गेंदबाजी कर रहे हैं.
कुलदीप को हाल में इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट सीरीज में एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला. बावजूद इसके वह निराश नहीं हुए और उन्होंने अपनी मेहनत जारी रखी. इंग्लैंड दौरे के बाद कुलदीप को एशिया कप के लिए चुना गया और उन्होंने अपने कप्तान और कोच को निराश नहीं किया.कुलदीप को क्रिकेटर बनाने में उनके पिता का अहम रोल रहा. पिता चाहते थे कि कुलदीप क्रिकेटर बने और वही उन्हें कोच के पास ले गए.कुलदीप दिग्गज शेन वॉर्न से बहुत प्रेरित थे. वह उन्हीं की तरह गेंद डालना चाहते थे. कोच ने कुलदीप को रिस्ट स्पिनर बना दिया.

कुलदीप के करियर में ऐसा समय भी आया था जब उनके मन में खुद की जान लेने की भावना घर कर गई थी. वह सुसाइड करने को सोचने लगे थे. कुलदीप ने एक इंटरव्यू में बताया था कि यूपी की अंडर 15 टीम में चयन नहीं होने से वह काफी निराश हो गए थे और उनके मन में बुरे बुरे ख्याल आने लगे थे.लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी कड़ी मेहनत जारी रखी.उसी का नतीजा है कि आज वह वर्ल्ड क्रिकेट में छाए हुए हैं.

Kamlesh Raiचीफ सब एडिटर

करीब 15 साल से पत्रकारिता में सक्रिय. दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई. खेलों में खासकर क्रिकेट, बैडमिंटन, बॉक्सिंग और कुश्ती में दिलचस्पी. IPL, कॉमनवेल्थ गेम्स और प्रो रेसलिंग लीग इवेंट्स कवर किए हैं. फरवरी 2022 से…और पढ़ें

करीब 15 साल से पत्रकारिता में सक्रिय. दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई. खेलों में खासकर क्रिकेट, बैडमिंटन, बॉक्सिंग और कुश्ती में दिलचस्पी. IPL, कॉमनवेल्थ गेम्स और प्रो रेसलिंग लीग इवेंट्स कवर किए हैं. फरवरी 2022 से… और पढ़ें

homecricket

वापसी हो तो ऐसी… 2 मैच में 7 विकेट, कभी खुद की जान लेना चाहता था खिलाड़ी



Source link