राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ स्थित मंदिर श्री जमात में सोमवार रात शरद पूर्णिमा का आयोजन किया गया। इस मौके पर रामजन्मभूमि आंदोलन से जुड़े और हिंदू संस्कृति के प्रचार-प्रसार में सक्रिय रहे बाबा सत्यनारायण मौर्य विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए।
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रामजन्मभूमि आंदोलन से जुड़े किस्से सुनाए मंदिर के महंत दीपेंद्र दास खाकी और वेदाचार्य डॉ. जगदीश शास्त्री ने उनका स्वागत किया। आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु और ग्रामीण मौजूद रहे। इस अवसर पर बाबा ने करीब एक घंटे तक उपस्थित लोगों से संवाद किया। उन्होंने रामजन्मभूमि आंदोलन से जुड़े अपने अनुभव साझा किए और आंदोलन के कुछ अनजाने पहलुओं का जिक्र भी किया।
आंदोलन के लिए बाबा सत्यनारायण मौर्य ने लिखे थे नारे बाबा सत्यनारायण मौर्य ने बताया कि रामजन्मभूमि आंदोलन केवल धार्मिक आंदोलन नहीं था, बल्कि यह भारतीय समाज की आत्मा को जगाने वाली लड़ाई थी। उन्होंने कहा कि आंदोलन में दिए गए सभी प्रभावशाली नारे उन्हीं के द्वारा रचे गए थे। बाबा ने याद किया कि वर्ष 2008 में पतंजलि योगपीठ में भारत माता की आरती का आयोजन उन्होंने स्वयं किया था। अब तक वे 50 देशों में भारत माता की आरती कर चुके हैं और गैर हिंदी भाषी देशों में हिंदू विद्यालय स्थापित करवाकर स्वयं जाकर उन्हें संचालित कर रहे हैं।
भारत माता की आरती का संकल्प लिया आयोजन के दौरान उन्होंने दूधिया दीवान गुरूकुलम में चल रही वेद शिक्षा की सराहना की और गुरूकुलम को अपनी पुस्तक ‘भारती संस्कृति के मूलाधार – वेद’ भेंट की। साथ ही, उन्होंने अप्रैल में होने वाले निःशुल्क कन्या विवाह कार्यक्रम में भारत माता की आरती कराने का संकल्प भी लिया।
मंदिर समिति ने इस अवसर को सांस्कृतिक और सामाजिक जागरूकता का प्रतीक बताया। समिति का कहना है कि ऐसे आयोजन समाज को अपनी परंपराओं और संस्कृति से जोड़ने में मददगार साबित होते हैं। शरद पूर्णिमा के इस आयोजन में श्रद्धालुओं ने भजन-कीर्तन के साथ धार्मिक माहौल का अनुभव किया।
देखिए कार्यक्रम के दौरान की तस्वीरें
