इंजीनियरिंग छात्रों ने बनाया फेक न्यूज रोकने वाला सॉफ्टवेयर: जबलपुर में साइबर सेल को भेजेगा अलर्ट; सोशल मीडिया पर धमकियों पर भी रखेगा नजर – Jabalpur News

इंजीनियरिंग छात्रों ने बनाया फेक न्यूज रोकने वाला सॉफ्टवेयर:  जबलपुर में साइबर सेल को भेजेगा अलर्ट; सोशल मीडिया पर धमकियों पर भी रखेगा नजर – Jabalpur News



HaWk नाम के सॉफ्टवेयर को जबलपुर के छात्रों ने बनाया है।

इंटरनेट और सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहे फेक न्यूज और भ्रामक वीडियो मैसेज को रोकने के लिए जबलपुर के दो इंजीनियरिंग छात्रों ने नया तकनीकी समाधान खोजा है। ज्ञान गंगा इंस्टीट्यूट के छात्र हर्ष कुमार और गवर्नमेंट जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र आयुष न

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ज्ञान गंगा इंस्टीट्यूट के हर्ष कुमार ने ‘अस्त्र AI’ नाम का एक एप्लिकेशन तैयार किया है। यह एप्लिकेशन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वायरल हो रही देशविरोधी और धार्मिक रूप से आपत्तिजनक पोस्ट्स को शुरुआती स्तर पर ही पहचान लेता है और तुरंत साइबर क्राइम सेल को सूचना भेजता है।

हर्ष ने बताया कि यह प्रोजेक्ट उन्हें साइबर सेल से मिली एक चुनौती के तहत मिला था। अब तक ऐसा कोई टूल नहीं था जो इतनी तेजी से वायरल कंटेंट को पकड़ सके। यह एप्लिकेशन ऑटोमैटिकली डिटेक्ट करता है और तुरंत रिपोर्ट करता है।

AI मॉडल से तय होता संदेश कितना खतरनाक

दूसरी ओर जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र आयुष ने ‘हॉक’ नाम की वेबसाइट विकसित की है, जो ट्विटर, टेलीग्राम और ईमेल जैसे प्लेटफॉर्म्स पर आने वाले हिंसा या धमकी से जुड़े मैसेजेस को ट्रैक करती है। वेबसाइट इन मैसेजेस को AI मॉडल के जरिए जांचती है और यह तय करती है कि संदेश खतरनाक है या नहीं।

आयुष ने बताया कि यदि कोई यूजर बार-बार झूठी खबरें या भड़काऊ बातें फैलाता है, तो सिस्टम उसे फ्लैग कर देता है, जिससे उसकी विश्वसनीयता कम हो जाती है। किसी गंभीर धमकी की स्थिति में ‘हॉक’ सीधे पुलिस या सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट भेजता है।

जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज की AI विभाग प्रमुख डॉ. आज्ञा मिश्रा ने इन दोनों छात्रों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, यह तकनीकें समस्या नहीं, समाधान बनकर सामने आई हैं। छात्रों ने टेक्नोलॉजी का सकारात्मक उपयोग किया है।



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