नगर निगम के डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन वाहनों पर कार्यरत हेल्पर और ड्राइवरों ने मानदेय भुगतान और सुरक्षा किट की मांग को लेकर बुधवार सुबह काम बंद कर दिया। इस दौरान करीब दो घंटे कचरा कलेक्शन नहीं हुआ। सूचना मिलने पर नगर निगम आयुक्त अभिलाष मिश्रा ने कर्मचा
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कर्मचारियों ने ग्रांड होटल के पास अपने कचरा वाहन खड़े कर विरोध प्रदर्शन किया। उनकी मुख्य शिकायत थी कि उन्हें मात्र छह हजार रुपए मानदेय मिलता है, वह भी समय पर नहीं। साथ ही, उन्हें सुरक्षा किट भी उपलब्ध नहीं कराई गई है।
कचरा वाहन ड्राइवर और हेल्पर प्रदर्शन करते हुए।
1 से 5 तारीख के बीच मिलेगा वेतन
आयुक्त अभिलाष मिश्रा ने मौके पर पहुंचकर कर्मचारियों से सीधे संवाद किया। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी कर्मियों को कलेक्टर दर से मानदेय का भुगतान महीने की 1 से 5 तारीख के बीच किया जाए। इसके अतिरिक्त, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सुरक्षा किट भी उपलब्ध कराई जाए।
कलेक्टर रेट पर किया जाएगा भुगतान
कमिश्नर मिश्रा ने कर्मचारियों को यह भी समझाया कि उन्हें गीला और सूखा कचरा अलग-अलग एकत्र करना होगा और किसी भी प्रकार का अटाला इकट्ठा नहीं करना है। उन्होंने एक एजेंसी द्वारा 25 हजार रुपए के भुगतान के झूठे आश्वासन से बचने की सलाह दी और स्पष्ट किया कि नगर निगम द्वारा संबंधित एजेंसी के माध्यम से कलेक्टर रेट पर ही भुगतान किया जाएगा।

कर्मचारियों ने ग्रांड होटल के पास कचरा वाहन खड़े किए।
90 वाहनों पर 100 हेल्पर और ड्राइवर
कमिश्नर के आश्वासन और निर्देशों के बाद सभी कर्मचारियों ने उन्हें धन्यवाद दिया और अपने वाहनों के साथ तत्काल कार्य पर लौट गए। जिससे कचरा कलेक्शन का काम फिर से शुरू हो गया। नगर निगम में लगभग 90 वाहनों पर 100 हेल्पर और ड्राइवर कार्यरत हैं।