जीवनभर के जख्म… सांसें सलामत, सपने चकनाचूर: 5 अस्पतालों में चल रहा 12 घायलों का उपचार, 3 की हालत गंभीर, खौफनाक मंजर भूल नहीं पा रहे – Indore News

जीवनभर के जख्म… सांसें सलामत, सपने चकनाचूर:  5 अस्पतालों में चल रहा 12 घायलों का उपचार, 3 की हालत गंभीर, खौफनाक मंजर भूल नहीं पा रहे – Indore News


एयरपोर्ट रोड पर सोमवार शाम हुए भीषण ट्रक हादसे में घायल तीसरे युवक महेश खतवासे ने मंगलवार सुबह दम तोड़ दिया। 12 घायलों का पांच अलग-अलग अस्पतालों में उपचार जारी है। घटना के 24 घंटे बाद भी खौफनाक मंजर भूल नहीं पा रहे।

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हादसे ने इन्हें जख्म तो दिए ही, जीवनभर के सपने भी चकनाचूर कर दिए हैं। घायलों में रजनी खतवासे और विपुल शर्मा की हालत गंभीर है। दोनों को सिर और पसलियों में फ्रैक्चर है। छात्रा संस्कृति वर्मा का बायां हाथ पूरी तरह से (99 प्रतिशत तक) क्षतिग्रस्त हो गया है। छात्रा दीक्षा चौहान के दोनों पैर फ्रैक्चर हैं।

हाल जानने मुख्यमंत्री पहुंचे

मंगलवार को घायलों का हाल जानने इंदौर पहुंचे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, सड़क दुर्घटना दुखद है। राज्य शासन ने घटना को गंभीरता से लिया है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। घटना की जांच अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह द्वारा कराई जा रही है। जांच के आधार पर आगे और भी कार्रवाई की जाएगी।

एसीएस को जो रिपोर्ट देना है, उसमें इंदौर में आवश्यक प्रबंधन जैसे ड्रोन, अनियंत्रित वाहनों को रोकने की व्यवस्था, यातायात नियंत्रण पर क्या हो सकता है, यह भी मांगा है। उधर, मंगलवार को भोपाल से आए एसीएस गृह विभाग द्वारा घटनास्थल का दौरा किया गया। डीसीपी जोन 1 कृष्ण लालचंदानी रिपोर्ट बनाकर जल्द सौंपेंगे।

सीए बनने का सपना, हाथ 99 फीसदी क्षतिग्रस्त हो गया

पलक जोशी : दफ्तर से लौट रही थीं, कोहनी और पैर में चोट इमली बाजार निवासी पलक जोशी ऑफिस से लौट रही थीं। रामचंद्र नगर चौराहे से पहले सिग्नल पर गाड़ी रोकी ही थी कि ट्रक साइड से टक्कर मारता हुआ निकला। राहगीरों ने हॉस्पिटल में भर्ती करवाया। कोहनी और पैरों में चोट आई है लेकिन शुक्र है मैं बच गई। जिस रफ्तार से ट्रक टक्कर मारता हुआ गुजरा, यदि सामने होती तो बच नहीं पाती।

संस्कृति वर्मा : 4 घंटे चला ऑपरेशन, अब आईसीयू में पिता अशोक वर्मा ने बताया बेटी संस्कृति 11वीं की छात्रा है। वह कोचिंग से घर लौट रही थी। ट्रक का पहिया उसके बाएं हाथ पर चढ़ गया। हाथ पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। पैर की नस निकालकर हाथों में डाली गई है। बेटी सीए बनना चाहती थी। हादसे के बाद कहीं उसका सपना अधूरा न रह जाए। फिलहाल आईसीयू में है।

अंकिता : पुणे से जन्मदिन मनाने आए, बेटा भी घायल गोपलानी-डूडानी परिवार के चार लोग घायल हैं। दो साल का बच्चा भी है। अंकिता ने बताया कि वह पति और बेटे के साथ जन्मदिन मनाने पुणे से मायके इंदौर आए थे। जन्मदिन मनाने के बाद पति पुणे लौट गए थे, जबकि अंकिता और बेटा इंदौर में रुके थे। सोमवार शाम ऑटो रिक्शा से जा रहे थे तभी ट्रक ने चपेट में ले लिया।

दीक्षा चौहान : 10वीं में पढ़ रहीं, दोनों पैर फ्रैक्चर हो चुके 10वीं में पढ़ने वाली छात्रा दीक्षा चौहान के दोनों पैर फ्रैक्चर हो गए हैं। वे कोचिंग से घर लौट रही थीं। एक सहेली का जन्मदिन था। नाश्ता करने बड़ा गणपति की ओर जा रहे थे। सहेली गाड़ी चला रहा थी, जबकि वे पीछे बैठी थीं। तभी साइड से ट्रक ने टक्कर मार दी। राहगीरों ने उठाया तो चल भी नहीं पा रही थी।

विपुल शर्मा: इकलौते कमाने वाले, अब स्थिति गंभीर है

ऑटो चालक विपुल शर्मा की पसलियों में फ्रैक्चर और सिर में गंभीर चोट है। पत्नी खुशी शर्मा ने बताया कि पति सवारी लेकर बड़ा गणपति की ओर आ रहे थे, तभी ट्रक ने पीछे से टक्कर मारी। इस दौरान रिक्शा पलटने से सवारी को भी चोट आई, जबकि विपुल गंभीर रूप से घायल हो गए। वे घर में इकलौते कमाने वाले हैं।

अनिल कोठारे: खुद की परवाह नहीं कर सवारियों को बचाया

रिक्शा चालक अनिल कोठारे रामचंद्र नगर चौराहे से आगे बढ़े तभी ट्रक की टक्कर से रिक्शा पलट गया। उनके सिर से खून बहने लगा और ऑटो में बैठे लोग भी चोटिल हो गए। ऑटो में बैठी सवारी भी घबरा गई। इस दौरान मैंने हार नहीं मानी और दरवाजा खींचकर सबसे पहले सवारियों को बाहर निकाला। लोगों ने अस्पताल पहुंचाया।

संदीप बिंजवा: जैसे ही टक्कर लगी, ऑटो कार में घुस गया

संदीप बिंजवा लॉन्ड्री संचालक हैं। वे खजूरी बाजार ऑटो से जा रहे थे। शिक्षक नगर के आगे ट्रक ने ऑटो को टक्कर मारी। ऑटो कार में जा घुसा, जिससे ऑटो चालक और संदीप दोनों घायल हो गए। संदीप को सिर और पैर में चोट लगी। उनका मंगलवार को वर्मा यूनियन हॉस्पिटल में ऑपरेशन हुआ। स्थिति सामान्य है।

अनिल नामदेव: अब चार महीने तक चल नहीं पाएंगे

अनिल नामदेव का कैटरिंग का काम है। कामकाज के सिलसिले में सोमवार शाम शिक्षक नगर पहुंचे थे। वापस घर लौट रहे थे। शिक्षक नगर चौराहे से बाएं मुड़े तभी तेज रफ्तार ट्रक उनकी बाइक से टकराया और वे सड़क पर गिर पड़े। दोनों पैर और सिर से खून बह रहा था। पैर का ऑपरेशन किया गया है। ठीक होने में चार महीने लगेंगे।

अब यादें शेष…

परिजन खोजने पहुंचे तो घटना का पता चला

हादसे में वैशाली नगर में रहने वाले 62 वर्षीय कैलाश चंद्र जोशी की मौत हो गई। वह आईडीए में कार्यरत थे। वे रोजाना शाम को आईडीए ऑफिस से कलेक्टर होते हुए घर के लिए जाते थे। लेकिन सोमवार शाम किसी काम के चलते वह एरोड्रम क्षेत्र में गए थे। इस दौरान रामचंद्र नगर चौराहे के आगे ट्रक ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया। ट्रक चालक उन्हें आधा किमी तक घसीटता हुए ले गया। उनकी मौके पर ही मौत हो गई। पत्नी ने पति कैलाशचंद्र के ऑफिस से घर नहीं आने की जानकारी परिजन को दी तो भतीजे आशीष और अभिषेक ने खोजबीन शुरू की। रात 12 बजे एरोड्रम क्षेत्र में हुई घटना की जानकारी लगी। पत्नी को सुबह तक मौत के बारे में नहीं बताया।

कॉलेज से घर लौटे और ट्रक ने मारी टक्कर

सुखदेव नगर में रहने वाले 50 वर्षीय लक्ष्मीकांत सोनी की हादसे में मौत हो गई। वह मेडिकेप्स कॉलेज में प्रोफेसर थे। सोमवार शाम कॉलेज बस से उतरने के बाद रामचंद्र नगर चौराहे से बाइक लेकर अपने घर जा रहे थे, तभी वे हादसे का शिकार हो गए। सोनी रोजाना कॉलेज जाने के लिए अपनी बाइक को रामचन्द्र नगर चौराहे पर खड़ा कर कॉलेज के लिए बस या अन्य किसी साधन से जाते थे। जब सोनी कॉलेज से रामचन्द्र नगर चौराहे पर पहुंचे और अपनी बाइक की तरफ बढ़े ही थे कि अंधगति से दौड़ रहे ट्रक ने सबसे पहले उन्हें ही चपेट में लिया। लक्ष्मीकांत सोनी का पूरा शरीर क्षत-विक्षत हो गया था। सोनी के परिवार में पत्नी संतोष और बेटा वासु सोनी है। वासु इंजीनियरिंग की पढ़ाई मुंबई में कर रहा है।

पत्नी को नहीं बताया, पति की मौत हो चुकी

हादसे में मारुति नगर में रहने वाले महेश खतवासे (35) की मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी रजनी (35) की स्थिति भी गंभीर है। दंपति सोमवार शाम सब्जी लेने के लिए घर से बाणगंगा के लिए निकले थे। रामचंद्र नगर चौराहे पर उन्हें ट्रक ने चपेट में ले लिया। ट्रक उनके पैर, सीने और सिर पर चढ़ गया। वहीं पत्नी रजनी को भी सिर में गंभीर चोट लगी। उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती किया गया, जहां इलाज के दौरान मंगलवार सुबह महेश की मौत हो गई। भाई संतोष ने बताया कि भाभी रजनी की हालत भी गंभीर है। अभी तक भाभी को मौत के बारे में जानकारी नहीं दी।

ट्रैफिक विभाग पर कोई मॉनिटरिंग नहीं

कमिश्नरी के बाद ट्रैफिक विभाग में एक डीसीपी, दो एडिशनल डीसीपी व 5 एसीपी होने के बाद भी अफसरों में आपसी तालमेल ठीक नहीं है। एसीपी अपने साथ 5 से 8 जवान व एएसआई की टोलियां लेकर घूमते हैं। सिटी के मुख्य मार्गों व प्रमुख चौराहों से सूबेदारों को हटाकर आउटर इलाकों में चालानी कार्रवाई की जिम्मेदारी दे रखी है। वहीं सिटी ट्रैफिक को संभालने के लिए नव आरक्षक युवतियों को तैनात कर रखा है। डीसीपी, एडिशनल डीसीपी और एसीपी के बीच कार्रवाई व मैनेजमेंट को लेकर तालमेल ठीक नहीं। यही वजह है कि ट्रैफिक विभाग का पूरा कंट्रोल ही खत्म हो गया है।



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