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एशिया कप में पाकिस्तान क्रिकेट टीम की करारी हार के बाद एक इंटरव्यू के दौरान पूर्व कप्तान शाहिद अफ़रीदी ने राहुल गांधी की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का “positive mindset” है और वे संवाद की राजनीति में यकीन रखते हैं. अफ़रीदी ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार धर्म कार्ड खेल रही है.अब इस बयान से जाहिर है कि भारत में राजनीति माहौल बनना तय है. लोग तरह तरह से अपनी इस मामले पर अपनी राय रख रहे है बीजेपी के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि राहुल गांधी पाकिस्तान के लिए हमेशा से प्रिय रहे है.
2024 में जब पाकिस्तान के पूर्व मंत्री ने राहुल गांधी की तुलना नेहरू से की
पाकिस्तान के पूर्व मंत्री चौधरी फ़वाद हुसैन तो राहुल गांधी के सबसे मुखर प्रशंसक रहे हैं. उन्होंने राहुल की तुलना जवाहरलाल नेहरू से करते हुए कहा था कि गांधी अच्छे विचारों के साथ समाजवादी सुधारों की ओर बढ़ रहे हैं और भारत में संपत्ति असमानता का मुद्दा उठाना उनकी राजनीतिक छवि को दिखाता है.इसके बाद भारत के संसदीय सत्र के दौरान प्रियंका गांधी जब “फ्री Palestine” लिखे बैग लेकर पहुंची तो फ़वाद हुसैन ने उनकी भी जमकर तारीफ की. उन्होंने इसको नेहरू की विरासत से जोड़ते हुए साहसिक कदम बताया था. जिसके बाद यह बयान बीजेपी के लिए राजनीतिक हमला करने का मौका भी बन गया था.
विधानसभा चुनावों में जब कांग्रेस ने बीजेपी को कई राज्यों में हराया था तो पाकिस्तानी मीडिया ने इसे अपने देश में खुलकर कवर किया और कांग्रेस की जमकर वाहवाही की थी. वहां की सुर्खियों में यह बात प्रमुख रही थी कि बीजेपी के हिंदुत्व की राजनीति को बड़ा झटका लगा है. इससे साफ था कि कांग्रेस की जीत को पड़ोसी मुल्क ने अपने नजरिए से एक सकारात्मक संकेत के तौर पर देखा.
अब भारत की सियासत में उलझा हुआ सवाल
कांग्रेस के लिए पाकिस्तानियों की इन तारीफों को लेकर बीजेपी बार-बार कांग्रेस पर हमला करती रही है. कई बड़े नेताओं का तर्क है कि जब पाकिस्तान कांग्रेस की तारीफ करता है तो इसका मतलब साफ है कि कांग्रेस की नीतियां उनके हित में हीं हैं इसलिए कांग्रेस को वहां से हमेशा अच्छी बातें सुनने को मिलती है हांलाकि कांग्रेस इसे सिर्फ पड़ोसी मुल्क की टिप्पणी बताकर खारिज कर देती है.
पिछले कईं सालों में कई बार पाकिस्तान की ओर से कांग्रेस नेताओं की जमकर तारीफ सुनाई दी है.कभी राहुल गांधी के भाषणों और उनकी सकारात्मक सोच के लिए तो कभी प्रियंका गांधी के प्रतीकात्मक कदमों को लेकर और कभी कांग्रेस की चुनावी जीत पर. लेकिन भारतीय राजनीति में हर बार इसका इस्तेमाल देशभक्ति बनाम तुष्टिकरण की बहस को हवा देने के लिए किया गया. यह हमेशा हीं एक बड़ी राजनीतिक बहस को जन्म देता है.
Sachin Tripathi is an experienced journalist with a diverse background in news Broadcasting and Digital media. He has worked with Samachar Plus, Inshorts, ShareChat, and Currently working in News18India. He has…और पढ़ें
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