सूर्यकुंड में 5 रविवार लगा लें डुबकी…चर्मरोग खत्म, हर इच्छा होगी पूरी

सूर्यकुंड में 5 रविवार लगा लें डुबकी…चर्मरोग खत्म, हर इच्छा होगी पूरी


Last Updated:

Sagar News: जो भी श्रद्धालु लगातार पांच रविवार आकर सूर्यकुंड में स्नान करता है, तो न केवल उसके चर्मरोग ठीक होते हैं बल्कि सभी इच्छाएं भी पूर्ण हो जाती हैं.

सागर. मध्य प्रदेश के सागर में स्थित भगवान ब्रह्मदेव की तपोस्थली ब्रह्मांड घाट को आज लोग बरमान के नाम से जानते हैं. यहां नर्मदा नदी पर 7 अलग-अलग तरह के कुंड हैं. ये सभी रहस्यमयी कुंड आस्था का केंद्र हैं. इन्हीं में से एक सूर्यकुंड है, जिसको लेकर कहा जाता है कि यहां पांच रविवार स्नान करने से चर्मरोग ठीक हो जाते हैं. माना जाता है कि इस कुंड में सूर्य की पहली किरण पड़ती है, जिसकी वजह से इसका नाम सूर्यकुंड है. सागर और नरसिंहपुर जिले के बॉर्डर पर बरमान घाट स्थित है. जहां प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आस्था के साथ आते हैं.

सूर्यकुंड की बात करें, तो यहां के पुजारी ने लोकल 18 से कहा कि इस कुंड की गहराई को आज तक मापा नहीं जा सका है. जो भी यहां लगातार पांच रविवार आकर स्नान करता है, तो न केवल उसके चर्मरोग ठीक होते हैं बल्कि सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण हो जाती हैं. रविवार को सूर्यकुंड में नहाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. लोग यहां डुबकी लगाने के बाद भगवान शिव की पूजा कर भगवान सूर्य से प्रार्थना करते हैं. उन्होंने कहा कि यहां पर ब्रह्ममुहूर्त में सूर्य निकलने से पहले स्नान करने का महत्व है, इसलिए लोग एक दिन पहले ही बरमान घाट पर पहुंच जाते हैं और रात्रि विश्राम करते हैं. सुबह 4 बजे से ही मां नर्मदा के जयकारों के साथ श्रद्धालु डुबकियां लगाना शुरू कर देते हैं.

कलयुग में मोक्षदायिनी मां नर्मदा
बताते चलें कि नर्मदा नदी को मध्य प्रदेश की जीवनदायिनी नदी कहा जाता है क्योंकि नर्मदा नदी की वजह से हजारों-लाखों लोगों की आजीविका चलती है और यह नदी भी अपने आप में काफी रहस्यमयी है. इसका एक-एक घाट एक-एक तट आस्था और भक्ति का केंद्र है. यहां 12 महीने भक्तों का आना-जाना लगा रहता है. नर्मदा को इस अंचल में मां नर्मदा के नाम से भी जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि सरस्वती जी में तीन बार, यमुना जी में 7 बार और गंगा जी में एक बार स्नान करने से आत्मा निर्मल और पवित्र हो जाती है लेकिन मां नर्मदा के दर्शन मात्र से पापों और दोषों से मुक्ति मिल जाती है. कलयुग में मोक्षदायिनी कहीं जाने वाली इस नदी को मां नर्मदा के रूप में पूजा जाता है.

Rahul Singh

राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.

राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.

न्यूज़18 हिंदी को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homemadhya-pradesh

सूर्यकुंड में 5 रविवार लगा लें डुबकी…चर्मरोग खत्म, हर इच्छा होगी पूरी

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.



Source link