जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में चूहों द्वारा दो मरीजों के पैर कुतरने के मामले में अस्पताल प्रबंधन ने सफाई व्यवस्था और पेस्ट कंट्रोल की जिम्मेदारी संभाल रही कंपनी एचएलएल इंफ्रा टेक सर्विसेज लिमिटेड पर 50 हजार का जुर्माना लगाया और स्पष
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इंदौर के एमवाय अस्पताल में चूहों द्वारा नवजात बच्चों को कुतरने का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि जबलपुर के अस्पताल के मानसिक रोग विभाग में भर्ती दो मरीजों सहित तीन लोगों के पैर चूहों द्वारा कुतरने का मामला सामने आ गया। इस घटना से संस्कारधानी से लेकर राजधानी तक हड़कंप मच गया। आनन-फानन में मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. नवनीत सक्सेना ने जांच कमेटी बनाई। वहीं अधीक्षक डॉ. अरविंद शर्मा ने जुर्माने की कार्रवाई की।
50 वर्षीय महिला के पैर मे चूहों ने काट लिया।
मनोरोग विभाग के पास मिली गंदगी
मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ. अरविंद शर्मा ने अपने आदेश में कहा कि अस्पताल की नियमित साफ-सफाई करने के पूर्व में निर्देश दिए गए थे। इसके बाद भी निरीक्षण के दौरान कचरा एकत्रित करने के लिए चयनित स्थान एवं मनोरोग विभाग के आसपास गंदगी पाई गई।
चूहों की रोकथाम के लिए रखी जाने वाली गम प्लेट भी केवल एक ही स्थान पर पाई गई और दवाइयां कम मात्रा में मिलीं। इस लापरवाही एवं कर्तव्य के प्रति उदासीनता की वजह से चिकित्सालय की छवि धूमिल हुई है। अधीक्षक ने अपने आदेश में एचएलएल इंफ्रा टेक के प्रबंधक को पेस्ट कंट्रोल का सुपरविजन करने वाले एवं पेस्ट कंट्रोल करने वाले कंपनियों के कर्मचारियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
घटना सामने आते ही मरीजों को दे दी छुट्टी
मानसिक रोग विभाग में भर्ती गोटेगांव और सिहोरा के मरीजों को घटना के कुछ देर बाद ही वार्ड से छुट्टी दे दी गई। मीडिया में मामला आने के बाद मंगलवार रात कलेक्टर राघवेंद्र सिंह मेडिकल कॉलेज पहुंचे और निरीक्षण किया। कलेक्टर ने घटना को गंभीर माना और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।

चूहों ने मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों और उनके परिजन के पैरों को कुतर दिया।
मानव अधिकार आयोग ने मांगा प्रतिवेदन
मेडिकल कॉलेज में मरीजों के साथ हुई घटना को मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने गंभीरता से लिया है और डीन से प्रतिवेदन मांगा है। साथ ही यह भी पूछा है कि इस मामले पर दोषियों पर क्या कार्रवाई की जा रही है। आयोग ने कहा कि मीडिया के माध्यम से पता चला है कि मेडिकल कॉलेज में मानसिक रोग विभाग के वार्ड में भर्ती मरीजों को चूहों ने काटा है।
सिहोरा निवासी एक 25 वर्षीय युवती, श्रीधाम निवासी 50 वर्षीय महिला और उसका बेटा भी इस घटना में घायल हुए थे। युवती के पैर में चूहे ने काटा तो उसे, इंजेक्शन देकर डिस्चार्ज किया गया। इसके साथ ही महिला मरीज और उसके बेटे के पैरों पर चूहों ने हमला किया था। मरीजों के परिजनों कि शिकायतों के बावजूद कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए।
मप्र मानव अधिकार आयोग के क्षेत्रीय कार्यालय प्रभारी फरजाना मिर्जा ने बताया कि

मीडिया से मिली जानकारी पर संज्ञान लेकर आयोग की मुख्य पीठ भोपाल ने जनहित में प्रकरण की सुनवाई की। कार्यवाहक अध्यक्ष राजीव कुमार टंडन की एकल पीठ ने प्रथम दृष्ट्या इसे मानव अधिकारों के हनन का मामला माना। डीन से जांच कराकर प्रतिवेदन मांगा है।
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सिहोरा की रहने वाली एक युवती इलाज के लिए नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर पहुंची थी। भर्ती हुई मानसिक रोग वार्ड में, लेकिन इलाज के दौरान सोमवार रात उसके पैर में चूहे ने काट लिया। दर्द और डर में रात गुजारी, सुबह डॉक्टरों ने केवल इंजेक्शन लगाए और फिर छुट्टी दे दी। यही नहीं, उसी वार्ड में भर्ती एक अन्य मरीज और उसके अटेंडर को भी चूहों ने कुतरा। पढ़ें पूरी खबर…