पंजाब में बाढ़ से बिगड़े हालात, MP के इस गांव के युवा ऐसे कर रहे पीड़ितों की मदद

पंजाब में बाढ़ से बिगड़े हालात, MP के इस गांव के युवा ऐसे कर रहे पीड़ितों की मदद


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Balaghat News: इन दिनों पंजाब के हालात हद से ज्यादा बदतर हैं. वहां पर जन जीवन काफी अस्त व्यस्त हो चुका है. ऐसे में एमपी के बालाघाट जिले के लोगों ने पंजाब में बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए आगे आकर काम कर रहे हैं.

Balaghat News: पांच नदियों वाला राज्य पंजाब इन दिनों बाढ़ की चपेट में है. ऐसे में वहां पर जन जीवन अस्त व्यस्त है चुका है. पंजाब में 17 अगस्त से बाढ़ आई हुई है. इतने दिनों में करीब 13 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है. अब पंजाब में हुई तबाही से आम लोगों के जीवन पर असर हुआ है. ऐसे में बालाघाट जिले का एक गांव है, जो हर साल बाढ़ से प्रभावित होता है. आलम ऐसा है कि यहां के लोगों को सरकारी भवनों की छत पर आसरा लेना पड़ता है. अब इस गांव के लोग की पंजाब में बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए यहां से काम कर रहे है.

दर्द महसूस करता है वही दर्द समझता है
बालाघाट जिला मुख्यालय से करीब 7 किलोमीटर दूर कुम्हारी नाम का गांव है. उस गांव में ऐसा कोई साल नहीं जहां पर वैनगंगा नदी से आई बाढ़ आती हो. जिले में ये एक मात्र ऐसा गांव है, जहां के युवाओं ने अनोखी पहल शुरू की है. उन्होंने पंजाब की सहायता के लिए अनाज और धन इकट्ठा करना शुरू कर दिया है. इससे न सिर्फ मानवता की मिसाल पेश कर रहे है बल्कि बंधुता और सहानुभूति भाव देखने को मिल रहा है. ग्रामीणों के मुताबिक, मानवता की बुनियाद ही यहीं कि आप किसी का दर्द महसूस कर सकें और उनकी मदद के लिए आगे आएं. ऐसे में ये लोग पंजाब का दर्द भली भांति समझ सकते हैं.

सुबह सामग्री इकट्ठा करते दोपहर में मजदूरी करने जाते
शेख असलम ने लोकल18 को बताया कि गांव के युवाओं को पंजाब की स्थितियों का ख्याल आया. इसके बाद हमने तय किया कि पंजाब के लिए मदद करनी चाहिए. ऐसे में हम बीते पांच दिनों से सुबह सात बजे घर से निकलते हैं और 10 बजे तक सामग्री इकट्ठा करने का काम करते हैं. इसके बाद हम सभी अपने-अपने कामों में लग जाते हैं. कोई खेती करता है, तो कोई मजदूरी करता है. अब उन्होंने बड़ी कुम्हारी से सामग्री इकट्ठा कर ली है अब वह छोटी कुम्हारी भी जाकर सामग्री इकट्ठा करने का काम करेंगे.

गांव वालों का मिल रहा भरपूर सहयोग
सामग्री इकट्ठा करने वाले युवाओं ने बताया कि ग्रामीणों का भरपूर सहयोग मिल रहा है. हर घर से चावल, आटा, दाल और गेहूं तो मिल रहा है. इसके साथ ही लोग अपनी क्षमता के मुताबिक, आर्थिक मदद भी कर रहे हैं. अब कुछ दिन और ये काम किया जाएगा. इसके बाद सारी सामग्री इकट्ठा कर कलेक्टर साहब की मदद से पंजाब के लिए रवाना की जाएगी.

इस गांव में भी हुई थी भारी तबाही
कुम्हारी के रहने वाले तारण लाल बिसाने साल 1968 में आई बाढ़ को याद करते हुए बताते हैं कि उस समय वह काफी छोटे थे. ऐसे में उनके गांव में बहने वाली वैनगंगा नदी में भारी बाढ़ आई थी. इसका असर पूरे गांव पर पड़ा था. मानव, पशु और फसल सब इसकी चपेट में थे. न रहने के लिए घर और न ही खाने के लिए अनाज था. ऐसे में हम पर भी भारी विपदा आई थी. ऐसे में शासन-प्रशासन ने मदद की ही थी, लेकिन लोगों ने भी हमारी मदद इसी प्रकार की थी. ऐसे में पंजाब का दर्द समझते हुए हम भी इस तरह अनाज और तमाम चीजें जमा कर रहे हैं.

Deepti Sharma

Deepti Sharma, currently working with News18MPCG (Digital), has been creating, curating and publishing impactful stories in Digital Journalism for more than 6 years. Before Joining News18 she has worked with Re…और पढ़ें

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