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सतना की ट्यूशन दीदी रेशु सिंह आज गांव गांव में शिक्षा और आत्मनिर्भरता की नई पहचान बन चुकी हैं. बीएड व एमए तक पढ़ी रेशु ने निजी खर्च से अब तक 250 से अधिक बच्चों को मुफ्त शिक्षा और 25 महिलाओं को सिलाई प्रशिक्षण देकर स्वावलंबन की राह दिखाई है.
रेशु ने बीएड और अर्थशास्त्र से एमए किया है, पढ़ाई के समय से ही जरूरतमंद बच्चों को निशुल्क पढ़ाने का संकल्प लेकर चली थीं पर 7 नवंबर 2022 को उन्होंने इसे एक अभियान का रूप दिया. अब तक 250 से ज्यादा बच्चे इस फ्री ट्यूशन का लाभ ले चुके हैं जिनमें से लगभग 50 बच्चे नियमित कक्षाओं में आते हैं. यहाँ बच्चों को केवल किताबों तक सीमित नहीं रखा जाता बल्कि अन्य करिकुलर एक्टिविटीज़ और ब्रेन जिमिंग क्लासेस भी कराई जाती हैं.
सतना जिले के दैजवार, बेलहटा, सिजहटा, मलहटी और बैरिहा गांव के बच्चे इस पहल से जुड़ चुके हैं. पहली से दसवीं तक के बच्चे पेड़ के नीचे बैठकर शिक्षा ग्रहण करते हैं. सोमवार को ब्रेन जिम एक्टिविटी, शुक्रवार को स्पिरिचुअल क्लास और शनिवार को स्पोर्ट्स क्लास जैसे तय शेड्यूल के तहत बच्चों को पढ़ाई के साथ सर्वांगीण विकास की दिशा में आगे बढ़ाया जाता है.
केवल बच्चों तक सीमित न रहते हुए रेशु ने तीन सालों में 25 ग्रामीण महिलाओं को भी निःशुल्क प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाया है. वह उन्हें सिलाई और अन्य हुनर सिखाकर रोजगार दिलाने का प्रयास कर रही हैं. बच्चों को फ्री ट्यूशन देने के दौरान ही कई अशिक्षित महिलाएं भी उनकी कक्षाओं में शामिल हो चुकी हैं. खास बात यह है कि रेशु ने यह सब कार्य किसी सरकारी या निजी सहायता के बिना नहीं बल्कि अपने निजी खर्च से किया है.
लोकल 18 से रेशु बताती हैं कि उनके दादा और माता-पिता ने हमेशा सिखाया कि जीवन में कुछ करो या न करो, लेकिन सेवा जरूर करो, एक शिक्षक ही आने वाले कल को जान सकता है. बदलाव तभी संभव है जब शिक्षक की दृष्टि से समाज को देखा जाए.
अपने अनुभवों और कार्यों से प्रेरणा लेकर उन्होंने इक्छाशक्ति फाउंडेशन नाम से एक एनजीओ भी शुरू किया, उनका लक्ष्य है कि मध्यप्रदेश के हर गांव में बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जाए और हर महिला को रोजगार का अवसर मिले. रेशु के इस सामाजिक कार्य को जिला प्रशासन ने भी सराहा और प्रोत्साहित किया है.