पाकिस्तान-यूएई के मैच में टॉस से पहले काफी ड्रामा, ढेरों ईमेल, फोन कॉल, बातचीत और आरोप-प्रत्यारोप हुए क्योंकि मोहसिन नकवी की अगुवाई वाली पीसीबी आचार संहिता के उल्लंघन के कारण मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट को हटाने पर अड़ी थी.
मीटिंग की फोटो
भारत-पाकिस्तान मैच के एक दिन बाद 15 सितंबर को आईसीसी को लिखे अपने पहले ईमेल में पीसीबी ने ‘टॉस के दौरान की घटना’ का जिक्र किया, जहां उनके मुताबिक आचार संहिता का उल्लंघन हुआ. उन्होंने मैच रेफरी पाइक्रॉफ्ट की भूमिका पर सवाल उठाए क्योंकि दोनों कप्तानों सूर्यकुमार यादव और सलमान आगा ने हाथ नहीं मिलाया था. आईसीसी तुरंत इस मामले की जांच के लिए तैयार हो गया और पूरी जांच के बाद पीसीबी को अपने जवाब में बतााय कि पाइक्रॉफ्ट ने किसी भी आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया.
टॉस के दौरान पाइक्रॉफ्ट
ICC ने अपना रुख बरकरार रखा और दोहराया कि पाइक्रॉफ्ट किसी भी आचार संहिता के उल्लंघन के लिए दोषी नहीं है और जोर देकर कहा कि वे किसी भी टीम की मांग के अनुसार अधिकारियों को नहीं बदल सकते क्योंकि यह एक खतरनाक मिसाल कायम करेगा.
मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट
इस पूरे नाटक के बीच पाइक्रॉफ्ट ने एक सुझाव दिया और पाकिस्तानी कप्तान आगा और मैनेजर नवीद अकरम चीमा के साथ मीटिंग बुलाई. मैच रेफरी के रूम में पाकिस्तानी कोच माइक हेसन भी मौजूद थे और बताया जा रहा है कि पाइक्रॉफ्ट ने पाकिस्तानी टीम से संभावित गलतफहमी के बारे में बात की. पीसीबी ने अपने बयान में दावा किया कि पाइक्रॉफ्ट ने माफी मांगी जबकि एक विश्वसनीय सूत्र का कहना है, ‘माफी मांगने का कोई सवाल ही नहीं था. खासकर ऐसे व्यक्ति से जिसने कोई ग़लती नहीं की.’
इस मीटिंग का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, लेकिन ऑडियो को म्यूट कर दिया गया है. पाकिस्तान की ओर से कुल छह ईमेल भेजे गए. काफी बातचीत हुई, लेकिन सिर्फ एक चीज बदली और वह थी पाकिस्तान-यूएई मैच का शुरुआती समय. इस मैच में एंडी पाइक्रॉफ्ट ही मैनेजर थे और टूर्नामेंट में आगे भी वह अपनी जिम्मेदारी निभाते रहेंगे.