उज्जैन में मॉक ड्रिल में दिखाया दंगे जैसा माहौल: दंगाईयों ने पत्थर चलाए, पुलिस ने लाठीचार्ज और गोली चलाई; एक की मौत, एक घायल – Ujjain News

उज्जैन में मॉक ड्रिल में दिखाया दंगे जैसा माहौल:  दंगाईयों ने पत्थर चलाए, पुलिस ने लाठीचार्ज और गोली चलाई; एक की मौत, एक घायल – Ujjain News


मॉक ड्रिल के दौरान पत्थर बाजी और गोलियां चलाई गई।

उज्जैन के टावर चौक पर शुक्रवार को पुलिस प्रशासन ने मॉक ड्रिल की। इस दौरान दंगे जैसी स्थिति को दर्शाने के लिए पुलिस और ‘दंगाई’ बने पुलिसकर्मियों के बीच पथराव, लाठीचार्ज और गोलीबारी की कार्रवाई की गई। मॉक ड्रिल में एक व्यक्ति की मौत हुई। वहीं, एक घायल

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अचानक दिखा भारी पुलिस बल, लोग हुए हैरान

शुक्रवार सुबह टावर चौक पर अचानक बड़ी संख्या में पुलिस बल, वाहन और एंबुलेंस देखकर स्थानीय लोग हैरान रह गए। बाद में पता चला कि यह पुलिस की मॉक ड्रिल है, जिसका उद्देश्य दंगा नियंत्रण और आपातकालीन स्थितियों से निपटने की तैयारी करना था।

इस अभ्यास में पुलिस के अलग-अलग दस्तों के साथ एंबुलेंस और अन्य आपातकालीन सेवाएं भी शामिल रहीं ताकि वास्तविक हालात में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके

मॉक ड्रिल के दौरान 2 पक्ष बनाए गए थे, जो आपस में भिड़ें।

पत्थरबाजी, लाठीचार्ज और गोली चलाने का किया गया अभ्यास

मॉक ड्रिल के दौरान दंगा जैसी परिस्थिति को दर्शाते हुए पुलिस कर्मियों की दो टीमों में बंटकर एक पक्ष को दंगाई बनाया गया। उन्होंने पथराव शुरू किया, जिसके जवाब में पुलिस ने पहले लाठीचार्ज किया, फिर स्थिति गंभीर होने पर गैस फायर और गोलीबारी भी की गई।

इस पूरी कार्रवाई को वास्तविकता से जोड़ने के लिए क्रमबद्ध तरीके से बल प्रयोग की प्रक्रिया अपनाई गई। पहले गैस पार्टी ने गैस फायर किए, फिर इफेक्टिव बल का उपयोग हुआ। इसके बाद रायफल पार्टी को बुलाया गया और अंत में मजिस्ट्रेट की अनुमति से गोली चलाई गई।

ड्रिल के दाैरान घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया।

ड्रिल के दाैरान घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया।

पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ अभ्यास

मॉक ड्रिल के दौरान सीएसपी दीपिका शिंदे, राहुल देशमुख, आरआई रणजीत सिंह सहित सभी थाना प्रभारी, एएसपी गुरूप्रसाद पाराशर और बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद रहे।

इस दौरान अधिकारियों ने जवानों को बताया कि आपातकालीन स्थिति में कौन-से अफसर को क्या भूमिका निभानी होती है और बल का प्रयोग कैसे करना चाहिए। ड्रिल में यह भी बताया गया कि कानून व्यवस्था भंग करने की स्थिति में बलवा ड्रिलकैसे और कब लागू किया जाए।

एएसपी गुरूप्रसाद पाराशर ने बताया, अक्सर देखा गया है कि कुछ असामाजिक तत्व अपनी मांगों को लेकर कानून व्यवस्था बिगाड़ने का प्रयास करते हैं। ऐसे हालात में पुलिस को उन्हें तितर-बितर करने के लिए तय प्रक्रिया के तहत कार्रवाई करनी होती है। इसी उद्देश्य से यह मॉक ड्रिल आयोजित की गई।



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