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Agriculture News: खेत में हार्वेस्टिंग के बाद मिट्टी में आधा फीट गहरा गड्ढा खोदें और इस मिट्टी को फेंक दें. ऊपर से नीचे तक मिट्टी को खरोंचे और एक तसले में रखें. एक एकड़ खेत में 15 से 20 जगह की मिट्टी लें और फिर इसे एक तसले में मिला लें.
डॉक्टर कमलेश बताते हैं कि मिट्टी की जांच के बाद खाद का इस्तेमाल करेंगे, तो लागत भी कम होगी और आमदनी भी बढ़ेगी. ऐसे में मिट्टी की जांच करा लेनी चाहिए. फसल की जब हार्वेस्टिंग हो जाए, जैसे- गर्मी में खेत खाली हो जाते हैं या अभी खरीफ फसल काटने के बाद खेत खाली हो जाएंगे, तो ऐसे समय में मिट्टी की जांच करा सकते हैं. खेत में खड़ी फसलों के दौरान मिट्टी की जांच नहीं करानी चाहिए क्योंकि खड़ी फसल में किसान खाद और पोषक तत्व डाल देते हैं. ऐसे में जब सैंपल लेते हैं, तो जांच में पोषक तत्व भी आ जाते हैं.
डॉक्टर कमलेश आगे बताते हैं कि जिले के हर विकासखंड के कृषि विभाग के कार्यालय में सॉइल टेस्टिंग मिनी किट लैब होती है. नौगांव में पॉलिटेक्निक कॉलेज के सामने भी मिट्टी प्रयोगशाला में जांच करा सकते हैं.
मिट्टी का सैंपल लेने का सही तरीका
उन्होंने बताया कि खेत में हार्वेस्टिंग के बाद मिट्टी में आधा फीट गहरा गड्ढा खोदना है और इस मिट्टी को फेंक देना है. ऊपर से नीचे तक मिट्टी को खरोंचे और तसले में रख लें. एक एकड़ के खेत में 15 से 20 जगह की मिट्टी लें, फिर इन्हें एक तसले में मिक्स कर लें. फिर इन्हें चार हिस्सों में बांट लें. इसके बाद दो हिस्से फेंक दें. बचे दो हिस्सों को फिर से चार हिस्सों में बांट लें और दो हिस्से फेंक दें. ये प्रोसेस तब तक करनी हैं, जब तक आधा किलो मिट्टी न बचे. इसी मिट्टी को सैंपल के तौर पर जांच कराने ले जाएं.
राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.
राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.