पश्चिमी बायपास से बढ़ेगी कनेक्टिविटी, रतनपुर से फंदा तक 35 KM का नया मार्ग तय

पश्चिमी बायपास से बढ़ेगी कनेक्टिविटी, रतनपुर से फंदा तक 35 KM का नया मार्ग तय


भोपाल: भोपाल के रतनपुर सड़क से लेकर फंदा कलां तक पश्चिमी बायपास के नए रूट को मंजूरी मिल गई है. इसके तहत साल 2026 की शुरुआत से ही भूमि का अधिग्रहण शुरू होगा. बता दें, इसके बनने के बाद इंदौर हाईवे से नर्मदापुरम को जोड़ने वाला रास्ता सीधे तौर पर मिल सकेगा. ऐसे में कई सारे नए प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू हो जाएगा. पश्चिमी बायपास की लंबाई करीब 35.60 किमी होगी, जिसमें लागत 2,600 करोड़ की होगी.

करीब 9 महीने के सर्वे के बाद इस रूट को फाइनल किया गया है, जिसमें पुराने रुट पर जमीन विवाद के चलते अलाइमेट बदला गया है. अब नया रूट भोपाल-जबलपुर मार्ग 46 के ग्राम रतनपुर सड़क से शुरू होगा. ये कोलार-रातीबड़ होता हुआ भोपाल-देवास रोड पर स्थित ग्राम फंदा कलां पर जुड़ेग. इस बायपास के बनने से डेढ़ घंटे का सफर मात्र 30 मिनट में पूरा हो जाएगा.

बायपास की लंबाई करीब 41 किमी

बता दें, पुराने अलाइमेंट में बायपास की लंबाई करीब 41 किमी थी, जो कि अब करीब 6 किमी कम हो गई है. नए रूट में जमीन का अधिग्रहण भी कम होगा. इन्हीं तर्कों के बाद सीएम ने नए रूट पर सहमति दी है. वहीं रायसेन कलेक्टर के खाते में जमीन अधिग्रहण के लिए जमा 100 करोड़ रुपए भी अब भोपाल कलेक्टर के खाते में आएंगे.

पहली बार इस रूट पर बाघों के आने-जाने के लिए 7 स्थानों पर एलिवेटेड रोड होगी. यानी नीचे से बाघों और वन्यजीवों के आने-जाने का रास्ता होगा और ऊपर से वाहन निकलेंगे. बायपास ये पूरी तरह से साउंड प्रूफ होगा, जिसमें सड़क के दोनों तरफ 10 मीटर ऊंचाई की फेंसिंग की जाएगी. फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने इन सभी शर्तों के साथ ही सड़क बनाने की अनुमति दी है. साथ ही नए रूट में रातापानी टाइगर रिजर्व के बफर जोन का कम एरिया आ रहा है. अब फॉरेस्ट का एरिया 6.1 किमी की जगह पर 5.45 किमी होगा.

4 लेन होगा पश्चिमी बायपास 

नया पश्चिमी बायपास 4 लेन बनाया जाएगा, जो कि पेव्हड शोल्डर होने के कारण दोनों ओर इसकी चौड़ाई 9-9 मीटर होगी. साथ ही दो-दो लेन की सर्विस रोड भी होगी, जिस पर 4 ग्रेड सेपरेटर, 3 फ्लायओवर, और एक आरओबी भी बनेगा. बायपास के आसपास जहां बसाहट है, वहां करीब 4 से 5 अंडर पास बनाए जाने प्रस्तावित हैं.

हाईब्रिड एन्यूटी मॉडल पर बनेगा बायपास

नया बायपास हाईब्रिड एन्यूटी मॉडल पर बनेगा, जिसमें 60 फीसदी राशि का इंतजाम बायपास बनाने वाले कंपनी मेसर्स पीएनपी इंफ्राटेक लिमिटेड को करना होगा. वहीं 40 फीसदी राशि राज्य सरकार दो साल के भीतर किस्तों में देगी. काम पूरा होने के बाद अगले 15 साल में कंपनी को उसकी लागत की राशि हर 6 महीने में किस्तों के माध्यम से दी जाएगी. इस रूट पर जो टोल लगेगा, उसकी राशि कॉन्ट्रेक्टर के पास नहीं बल्कि एमपीआरडीसी के खाते में जमा होगी. 15 साल तक कंपनी को इस बायपास का मेंटेनेस भी करना होगा. अफसरों को उम्मीद है कि नए रुट पर पुराने रिंग रोड का 30 फीसदी से ज्यादा ट्रैफिक गुजरेगा.

इन गांवों से होकर गुजरेगा बायपास

पश्चिमी बायपास रतनपुर सड़क से शुरू होकर गुराड़ी घाट, पिपलिया केशो, सेमरी कलां, पिपलिया बेरखेड़ी, थुआखेड़ा, कालापानी, महावड़िया, बोरदा, भानपुर केकड़िया, समसगढ़, समसपुरा, आंवला, सरवर, झागरिया खुर्द, मूंडला, नरेला, टीलाखेड़ी, जाटखेड़ी, खोकरिया, हताईखेड़ी, दूबड़ी, पिपलिया धाकड़, फंदा खुर्द और फंदा कलां जैसे 25 गांवों से गुजरेगा.



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