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जबलपुर: मध्यप्रदेश के जबलपुर में इंजीनियरिंग स्टूडेंट ने अनोखा सॉफ्टवेयर बनाया है. जो अब फेक न्यूज़ को रोकने का काम करेगा. इसके साथ सोशल मीडिया पर मिलने वाली धमकियों पर भी नजर रखेगा.
जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के स्टूडेंट आयुष वर्मा ने लोकल 18 से बताया अक्सर व्हाट्सएप, ट्विटर, टेलीग्राम या फिर ईमेल जैसे प्लेटफार्म पर हिंसा या फिर धमकी से जुड़े मैसेज आते हैं. जिससे डराने और धमकाने का काम किया जाता है. इसी को रोकने के लिए हॉक नाम की वेबसाइट तैयार की है. जो हिंसा या फिर धमकी से जुड़े मैसेज को ट्रैक करने का काम करेगी. वेबसाइट खतरनाक मैसेज को AI मॉडल के जरिए जांच करेगी. जिससे यह पता चलेगा मैसेज खतरनाक है या फिर नहीं.
उन्होंने बताया अक्सर देखा जाता है यूजर बार-बार भड़काऊ पोस्ट या फिर गलत अपवाह न्यूज़ के माध्यम से फैलाने का काम करते हैं. जिससे खबर हो या फिर मैसेज, विश्वसनीयता कम या फिर खत्म हो जाती है. लेकिन अब इस तरह के मैसेज की सीधी निगरानी कर हॉक वेबसाइट सीधे पुलिस या फिर सुरक्षा एजेंसी को अलर्ट भेजेगा. इसके बाद पुलिस आसानी से कार्रवाई कर पाएगी.
इसी तरह ज्ञान गंगा इंस्टीट्यूट के हर्ष कुमार ने ‘अस्त्र AI’ नाम का एक एप्लीकेशन तैयार किया है. यह एप्लीकेशन भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रही देश विरोधी या फिर धार्मिक रूप से आपत्तिजनक पोस्ट को पहचानने का काम करेगी और इसकी सीधे सूचना जबलपुर के साइबर सेल को भेजेगा. हालांकि अभी तक ऐसा कोई भी टूल नहीं था. जिससे तेजी से वायरल कॉन्टेंट को पकड़ा जा सके. लेकिन अब यह एप्लीकेशन ऑटोमेटिक अफवाह फैलाने वाले मैसेज को डिटेक्ट करने का काम करेगा और तुरंत रिपोर्ट करेगा.