अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की सीट पर कब्जा जमाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह, मंत्री विश्वास सारंग, विधायक रामेश्वर शर्मा के साथ अध्यक्ष रामकुंवर गुर्जर व अन्य सदस्यगण।
भोपाल जिला पंचायत रामकुंवर नौरंग गुर्जर के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका को कमिश्नर संजीव सिंह ने खारिज कर दिया है। याचिका 3 साल पहले लगाई गई थी। जिसमें अध्यक्ष के लिए वोटिंग प्रक्रिया के दौरान की गई वीडियो रिकॉर्डिंग मांगी गई थी। कांग्रेस समर्थित
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जिपं में अध्यक्ष के लिए चुनाव जुलाई-2022 को हुए थे। अध्यक्ष रामकुंवर गुर्जर और उपाध्यक्ष मोहन सिंह जाट बने थे। कुल 10 सदस्यों वाली जिला पंचायत में बीजेपी समर्थित गुर्जर को 6 मत मिले थे। वहीं, कांग्रेस समर्थित रश्मि भार्गव को 4 मत ही प्राप्त हुए थे।
याचिका खारिज होने पर जिला पंचायत सदस्य भार्गव और उनके पति कांग्रेस नेता अवनीश भार्गव ने बताया, पूरी चुनाव प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग कराई गई थी। हमने अंदर के फुटेज मांगे थे। ताकि, किसने वोट डाले वह सार्वजनिक हो सके। जिन लोगों ने वोट डाले थे, वे कानूनी रूप से वैध थे या नहीं? अब याचिका खारिज होने की बात पता चली है। जानकारों से चर्चा करने के बाद आगे की प्रक्रिया करेंगे।
चुनाव के दौरान हुआ था बड़ा उलटफेर जुलाई 2022 में पंचायत चुनाव हुए थे। कुल 10 में से 7 सदस्य कांग्रेस समर्थित थे। कांग्रेस की ओर से अध्यक्ष की दौड़ में गुर्जर भी शामिल थीं। उनके लिए पति नवरंग गुर्जर नेताओं से भी संपर्क में थे, लेकिन वार्ड-10 से जीतीं रश्मि भार्गव को प्रमुख दावेदार माना जा रहा था। दूसरे नंबर पर बिजिया राजौरिया थीं। ऐसे में गुर्जर अध्यक्ष की रेस से पीछे हो गई थीं।
यही फायदा बीजेपी ने वोटिंग से ऐनवक्त पहले उठा लिया। गुर्जर को अध्यक्ष की कुर्सी ऑफर की गई। इसके बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था। वे तत्कालीन प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह की गाड़ी में बैठकर जिला पंचायत चली गईं थी। कांग्रेसियों के होश तब उड़ गए, जब विधायक रामेश्वर शर्मा गुर्जर का हाथ पकड़कर भीतर ले गए थे। इसके बाद क्रॉस वोटिंग कराकर बीजेपी ने ऐनवक्त पर बाजी मार दी थी। पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने मंत्री सिंह को रोकने की कोशिश की थी। इस दौरान पुलिस के साथ उनकी झूमाझटकी भी हुई। पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने चुनाव प्रक्रिया को लेकर कोर्ट जाने की बात कही थी।
सदस्य को अपने साथ जिला पंचायत में ले जाते विधायक रामेश्वर शर्मा।
इसके बाद कमिश्नर के पास याचिका लगाई गई और उसमें वीडियो रिकॉर्डिंग के बारे में जानकारी मांगी गई। इस पूरे मामले में तत्कालीन कलेक्टर अविनाश लवानिया और जिला पंचायत सीईओ ऋतुराज सिंह को भी नोटिस जारी किए गए थे। 2 साल और ढाई महीने के बाद याचिका को निरस्त कर दिया गया।
कांग्रेस कैंडिडेट साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाईं इस मामले में जिला पंचायत के बीजेपी समर्थित सदस्यों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दीपक सिंह गंगवार ने पैरवी की थी। प्रकरण के दौरान रश्मि भार्गव कोई साक्ष्य पेश नहीं कर पाई। जिसके चलते याचिका को खारिज कर दिया गया। वरिष्ठ अधिवक्ता गंगवार ने बताया कि अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव को निरस्त करने के लिए याचिका लगाई थी। भार्गव की याचिका को लेकर कमिश्नर साहब ने कई बार मौका दिया गया था, लेकिन भार्गव कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाई। इसके चलते याचिका को खारिज कर दिया गया।
मामले से जुड़ी खबरें पढ़िये… भोपाल में हंगामे के बीच BJP ने कांग्रेस समर्थित सदस्य को तोड़ा, अध्यक्ष बनाकर जीती बाजी

भोपाल जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला। भोपाल जिला पंचायत में बीजेपी ने कांग्रेस समर्थित को अध्यक्ष बनवा दिया। बीजेपी ने क्रॉस वोटिंग कराकर ऐन वक्त पर बाजी पलट दी। इस दौरान गहमागहमी का माहौल हो गया। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मंत्री भूपेंद्र सिंह को रोकने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस के साथ उनकी झूमाझटकी भी हुई। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने चुनाव प्रक्रिया को लेकर कोर्ट जाने की बात कही है। पढ़े पूरी खबर
‘कांग्रेसी’ चेहरों से भोपाल में जिला सरकार चलाएगी BJP

भोपाल की जिला सरकार को BJP ‘कांग्रेसी’ चेहरों की बदौलत चलाएगी। अध्यक्ष की कुर्सी के लिए हुई वोटिंग में ऐनवक्त पहले बीजेपी ने बड़ा दांव खेला और कांग्रेस को चारों खाने चित्त कर दिया। इन्हीं में से एक सदस्य रामकुंवर गुर्जर को अध्यक्ष भी बना दिया। दूसरी ओर, कांग्रेस अपनों को ही नहीं संभाल पाई। ऐसे में उसे मुंह की खानी पड़ी। पढ़े पूरी खबर