वो क्रिकेटर्स जो मैदान पर देश के लिए लड़ते रहे, उधर घर में पिता की मौत हो गई

वो क्रिकेटर्स जो मैदान पर देश के लिए लड़ते रहे, उधर घर में पिता की मौत हो गई


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Asia Cup 2025 में अफगानिस्तान के खिलाफ मैच के दौरान श्रीलंका के दुनिथ वेलालागे को खबर लगी कि उनके पिता का निधन हो गया. इसके बावजूद वह मैदान पर अपनी टीम को जीत दिलाने के लिए डटे रहे.

मैच के दौरान पिता को गंवाने वाले क्रिकेटर्स
नई दिल्ली: जिस बच्चे ने बचपन में पिता का हाथ पकड़कर मैदान पर कदम रखा था और क्रिकेटर बनने का सपना देखा था… वही बच्चा जब बड़ा होकर सफल खिलाड़ी बन गया और अपने देश की ओर से खेलते हुए उसे ये खबर मिले कि उसके पिता अब दुनिया में नहीं रहे… सोचिए ये पल कितना दर्दनाक और कितना भावुक होगा.

एशिया कप में बीती रात श्रीलंका के दिमुथ वेलालागे के साथ ऐसी ही अनहोनी हुई. इधर वह अफगानिस्तान के खिलाफ अपनी टीम को जीत दिलाने में पूरी ताकत लगा रहे थे तो उधर हजारों किमी दूर उनके पिता अपनी आखिरी सांस गिन रहे थे.

दुनिथ वेलालागे
वैसे क्रिकेट में ऐसे कुछ बदकिस्मत खिलाड़ी हुए हैं, जिन्होंने नेशनल ड्यूटी के दौरान अपने माता-पिता या किसी करीबी को गंवा दिया. इनमें से कुछ प्लेयर्स ने फौरन मैदान छोड़कर घर का रुख किया तो कुछ ने ‘अपनों’ को खोने के दर्द के बीच भी बल्ला-गेंद थामे रखा.

सचिन तेंदुलकर: लिस्ट में पहला नाम सचिन तेंदुलकर का आता है. इंग्लैंड में 1999 का क्रिकेट वर्ल्ड कप जारी था. तभी मुंबई से खबर आती है कि सचिन के पिता रमेश तेंदुलकर का हार्ट अटैक से निधन हो गया. सचिन ने फौरन मुंबई की फ्लाइट पकड़ी अपने पिता का अंतिम संस्कार किया. महज 26 साल की उम्र में इस झटके से वह टूटे नहीं बल्कि अगली ही फ्लाइट पकड़कर वापस इंग्लैंड आए और केन्या के खिलाफ शानदार शतक लगाया. इस सेंचुरी से उन्होंने अपने पिता को श्रद्धांजलि दी.

सचिन तेंदुलकर
विराट कोहली: महज 17 साल की उम्र में विराट के सिर से पिता का साया उठ गया था. रणजी ट्रॉफी में दिल्ली और कर्नाटक का मुकाबला था. रात के दो बजे पता चला कि पिता प्रेम कोहली अब इस दुनिया में नहीं रहे. ब्रेन स्ट्रोक से उनका निधन हो गया. विराट फौरन घर के लिए निकलते हैं. अगले दिन वापस मैदान लौटकर अपनी टीम के लिए 90 रन की पारी खेली और हार से बचाया. बाद में घर जाकर पिता की अर्थी को कंधा दिया.

विराट कोहली

मोहम्मद सिराज: भारतीय टीम के प्रीमियर तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी खेलने ऑस्ट्रेलिया में थे. तब उन्हें अपने पिता के निधन की बात पता चली. पूरी दुनिया में तब कोरोना अपने पांव पसार चुका था. वह वापस हैदराबाद लौटना चाहते थे, लेकिन तब हेड कोच रहे रवि शास्त्री ने उन्हें समझाया और याद दिलाया कि कैसे उनके पिता भी तो यही चाहते थे कि वह भारतीय टीम के लिए मैच विनर बने. बस फिर क्या था सिराज ने उस सीरीज में भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई. जब भारत लौटे तो घर जाने से पहले सीधा अब्बू मोहम्मद गौस की कब्र पर जाकर सजदा किया.

Anshul Talmale

फरवरी 2025 से नेटवर्क 18 समूह में डिप्टी न्यूज एडिटर के पद पर कार्यरत. पत्रकारिता में एक दशक का अनुभव. बतौर रिपोर्टर कई नेशनल-इंटरनेशनल इवेंट के साक्षी. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से करियर की शुरुआत. जागरण न्यू मीडिया…और पढ़ें

फरवरी 2025 से नेटवर्क 18 समूह में डिप्टी न्यूज एडिटर के पद पर कार्यरत. पत्रकारिता में एक दशक का अनुभव. बतौर रिपोर्टर कई नेशनल-इंटरनेशनल इवेंट के साक्षी. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से करियर की शुरुआत. जागरण न्यू मीडिया… और पढ़ें

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