सामने आई 2 मिनट में हड्डी जोड़ने के दावे की सच्चाई, अब नहीं लगेगा प्लास्टर?

सामने आई 2 मिनट में हड्डी जोड़ने के दावे की सच्चाई, अब नहीं लगेगा प्लास्टर?


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Indore News: चीन के वैज्ञानिकों का दावा है कि हड्डी टूटने वाली जगह पर जब इस ग्लू को लगाया जाएगा, तो यह सिर्फ दो से तीन मिनट में ही हड्डी को फिर से जोड़ देगा और मजबूती भी देगा. इससे व्यक्ति जल्दी सामान्य रूप से चलने लगेगा और उसे दर्द भी नहीं होगा.

इंदौर. फ्रैक्चर होने पर ढेर सारी तकलीफों से गुजरना पड़ता है. हड्डी टूटने पर करीब महीना भर (कम से कम) प्लास्टर लगता है. इससे दैनिक जीवन के काम करने में काफी समस्या होती है लेकिन जल्द ही इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है. कारण है चीन का एक ऐसा दावा, जिसमें उसने कहा है कि हड्डियों को चंद मिनट में ही जोड़ना संभव है. चीन की साइंटिफिक कम्युनिटी की तरफ से बताया गया है कि उन्होंने एक ऐसा ग्लू तैयार कर लिया है, जो न केवल दो से तीन मिनट में ही फेवीक्विक की तरह आपकी हड्डियों को जोड़ देता है बल्कि उतनी ही मजबूती भी प्रदान करता है, जितनी आपकी हड्डी सामान्य रूप में होती है.

चीन के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि हड्डी के क्रैक वाली जगह पर जब इस ग्लू को लगाया जाएगा, तो यह दो से तीन मिनट में ही आपकी हड्डी को फिर से जोड़ देगा और मजबूती प्रदान करेगा. इससे व्यक्ति जल्दी सामान्य रूप से चलने लगेगा और उसे कोई दर्द भी नहीं होगा.

बायोडिग्रेडेबल ग्लू
विशेषज्ञों ने बताया कि यह ग्लू बायोडिग्रेडेबल होगा. मतलब जब शरीर खुद प्रोग्रेस कर हड्डी को जोड़ लेगा, उतने समय में यह गलू समय के साथ वहीं पर डिस्पोज ऑफ हो जाएगा, जिसका कोई नुकसान भी नहीं होगा.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट डॉक्टर?
लोकल 18 ने इस दावे की प्रामाणिकता जानने के लिए इंदौर के अपोलो हॉस्पिटल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ मनीष श्रॉफ से बात की. उन्होंने बताया कि हाल ही में यह रिसर्च आई है लेकिन अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. यह विज्ञान है, निरंतर प्रगति करता रहता है. संभव है कि चीन ने कोई ऐसा ग्लू तैयार किया हो लेकिन जब इसके क्लिनिकल ट्रायल होंगे, उसके बाद ही इसकी सफलता के बारे में कहा जा सकता है.

गेम चेंजर साबित होगा
डॉ मनीष श्रॉफ के अनुसार, अगर ऐसा होता है, तो यह गेम चेंजर साबित होगा क्योंकि फिलहाल हड्डी जुड़ने में काफी समय लगता है, जिससे मरीज को लंबे समय तक कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यह एक क्रांतिकारी बदलाव होगा. ‌जब कोई भी टेक्नोलॉजी आती है, तो उसे पूरे विश्व में स्वीकार किया जाता है. ट्रायल में उसकी प्रामाणिकता जांचने के बाद हो सकता है कि भारत में भी यह आ जाए.

Rahul Singh

राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.

राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.

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